31 हजार से ज्यादा हैं शोरूम और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान नगर निगम ने इन संपत्तियों के मालिकों को 31 अक्टूबर तक टैक्स जमा करने के लिए समय दिया है, जिसमें उनकी आपत्तियों का निस्तारण करने की सुविधा भी प्रदान की गई है। इसके बाद, टैक्स न जमा करने वाली संपत्तियों को नोटिस जारी कर दिया जाएगा। शासन के निर्देश पर नगर निगम द्वारा एक जीआईएस सर्वे कराया गया था, जिसमें नए और पुराने भवनों की पहचान की गई जो अब तक टैक्स दायरे में नहीं आए थे। सर्वे के बाद इन संपत्तियों के टैक्स बिल भी संशोधित किए गए।
करदाताओं को नोटिस जारी कर रहा निगम मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि अब निगम की प्राथमिकता व्यवसायिक संपत्तियों से टैक्स की वसूली पर है। करदाताओं की समस्याओं को दूर करने के लिए समय दिया गया है और जोनवाइज टीमें तैनात कर दी गई हैं। निगम 100% बकाया टैक्स की वसूली सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है। नगर निगम ने चारों जोन में बड़ी व्यावसायिक संपत्तियों का डेटा तैयार कर लिया है और करदाताओं को उनकी देय राशि चुकाने के लिए नोटिस जल्द ही जारी किए जाएंगे।