जालंधरी सराय निवासी अरसलान ने एंटी करप्शन टीम को शिकायत की थी कि वह मीट की दुकान खोलना चाहते हैं, जिसके लिए उन्हें नगर पालिका से एनओसी की जरूरत थी। अरसलान का आरोप था कि बाबू मुशाहिद अली उनसे बार-बार पैसे मांग रहा था, कभी 10 हजार तो कभी 20 हजार रुपये की मांग की जा रही थी। अंततः आठ हजार रुपये में सौदा तय हुआ और सोमवार को रिश्वत की रकम देने की बात पक्की हुई।
बदायूं में यह पहला मामला नहीं है जब एंटी करप्शन टीम ने रिश्वतखोरी के खिलाफ कार्रवाई की है। मार्च में इस्लामनगर थाने की महिला इंस्पेक्टर को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। इसके बाद तहसीलदार के पेशकार को 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। अन्य मामलों में चौकी इंचार्ज, सिपाही, और सहकारी समिति का बाबू भी रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किए जा चुके हैं।