एसएसपी ने एसपी सिटी को दी जांच, होगी कार्रवाई
पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र, बैंक खाते के स्टेटमेंट व अन्य दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ मंगलवार को जनकपुरी निवासी प्रियंका टंडन ने एसएसपी आफिस पहुंची। उन्होंने एसएसपी अनुराग आर्य को बताया कि उनके पिता संतोष टंडन की 6 नवंबर 2003 को मौत हो चुकी है। उन्होंने अपने जीवनकाल में ही सारी जमीन बेच दी थी। मगर, राइस मिलर अर्पित अग्रवाल और उनके साथियों ने 10 सितंबर 2024 को उनके पिता के नाम पर एक फर्जी व्यक्ति के साथ जमीन का एग्रीमेंट करा लिया। प्रियंका ने बैंक ऑफ बड़ौदा की श्यामगंज शाखा में उनके पिता के नाम पर फर्जी खाता खोलकर उसमें 20 लाख रुपये का लेनदेन करने का भी आरोप लगाया है। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि इस मामले की जांच एसपी सिटी को दी गई है।
व्हाटसएप काल पर धमकी से शुरू हुआ सिलसिला, मुर्दे के फर्जीवाड़े तक पहुंचा
बरेली के मॉडल टाउन निवासी कारोबारी और सिद्धि विनायक अस्पताल के निदेशक चरन कंवल जीत सिंह और पीलीभीत के राइस मिलर अर्पित अग्रवाल के बीच इज्जतनगर में स्थित सात करोड़ रुपये की कीमत की दस हजार वर्ग गज जमीन को लेकर विवाद है। आरोप है कि इस जमीन को संतोष टंडन ने अपने जीवनकाल में बेच दिया था। उनकी मौत 6 नवंबर 2003 को हो चुकी थी। चरन कंवल जीत सिंह ने पुलिस को बताया कि उन्हें छह अक्टूबर को एक व्हाट्सएप कॉल पर जमीन छोड़ने की धमकी दी गई। जांच में सामने आया कि कॉल पीलीभीत के थाना सुनगढ़ी के गांव रूपपुर कमालू निवासी रंजीत यादव के फोन से की गई थी। वह राइस मिलर अर्पित अग्रवाल का ड्राइवर है। बारादरी पुलिस ने आठ अक्टूबर को रंजीत का शांतिभंग में चालान कर दिया और अर्पित अग्रवाल को नोटिस जारी किया था। इस मामले में पुलिस चार्ज शीट की तैयारी में है।
एडीजी के आदेश पर चल रही हैं जांच, इस फ्राड कंपनी ने की धोखाधड़ी
एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यस के आदेश पर बरेली एसपी सिटी मानुष पारीक इस मामले की जांच कर रहे हैं। प्रियंका टंडन की शिकायत भी इसी जांच का हिस्सा हो गई है। हालांकि वह शिकायत अर्पित अग्रवाल के पक्ष की ओर से चरन कंवल जीत सिंह के खिलाफ की गई थी। इसमें सोमवार को चरन कंवल जीत सिंह ने बयान देते हुए संतोष टंडन का मृत्यु प्रमाणपत्र भी प्रस्तुत किया था। पीलीभीत के मोहल्ला डोरी लाल निवासी हनुमान राइस मिल के मालिक अर्पित अग्रवाल, शाहजहांपुर के पुरुषोत्तम गंगवार, बीसलपुर के अंकुर कुमार जायसवाल, राजकुमार, और ओमप्रकाश अपने ही जाल में फंसते जा रहे हैं। पूरी कहानी उल्टी हो गई है। माना जा रहा था कि अर्पित अग्रवाल के एग्रीमेंट कैंसिल करवा देने से मामला ठंडा पड़ जायेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मामला गरमाता जा रहा है।