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यूरिया नहीं तो मतदान बहिष्कार

खाद नहीं मिलने से गुस्साए किसानों ने ज्ञापन देकर 2 दिन में यूरिया की आपूर्ति करवाने की मांग की है। आपूर्ति नहीं होने पर 7 दिसंबर को होने वाले मतदान के बहिष्कार की घोषणा की है

बारांDec 02, 2018 / 07:19 pm

Ghanshyam

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भंवरगढ़ में किसान गुस्साए
भंवरगढ़.यूरिया खाद नहीं मिलने से गुस्साए किसानों ने जिला कलक्टर के नाम थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह जादौन को ज्ञापन देकर 2 दिन में यूरिया की आपूर्ति करवाने की मांग की है। आपूर्ति नहीं होने पर 7 दिसंबर को होने वाले मतदान के बहिष्कार की घोषणा की है । रविवार प्रात: यहां के दो खाद बीज विक्रेताओं के यहां पहुंचे यूरिया खाद के 640 कट्टों का वितरण थाने के बाहर पुलिस द्वारा प्रति किसान एक एक कट्टे की पर्ची देकर वितरण करवाया जाना था। गुस्साए किसानों ने थाने के बगल में स्थित बारा केंद्रीय सहकारी बैंक के बाहर नारेबाजी शुरू कर दी और एक एक कट्टा नहीं लेने की बात कही। इस दौरान थाना प्रभारी को जिला कलक्टर के नाम ज्ञापन देकर दो दिन में आपूर्ति नहीं करने पर आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की । थाना प्रभारी ने किसानों के ज्ञापन को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया। कृषि पर्यवेक्षक शिखा राठौर ने बताया कि आज प्रात: कस्बे में खाद के 640 कट्टे आए थे प्रति किसान एक एक कट्टों के टोकन हैड कांस्टेबल राधेश्याम सुमन एवं अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा पुलिस थाने के बाहर किसानों की लाइन लगा कर बांटने का विचार था । किसानों के असंतोष को देखते हुए आज पर्चियां नहीं दी गई। एक.दो दिन में और यूरिया की गाड़ी आने के बाद खाद का वितरण नियमानुसार करवाया जाएगा। जानकारी के अनुसार कस्बे सहित आसपास ग्रामीण अंचल के धरती पुत्रों को गेहूं की बिजाई के बाद पहला पानी शुरू करने के साथ ही यूरिया खाद की सख्त आवश्यकता है । ऐसे में खाद के लिए लाइनों में लगना पड़ रहा है। यहां आए दिन दुकानदारों एवं ग्रामीण किसानों के बीच यूरिया के लिए माथापच्ची देखने को मिल रही है । कस्बे के किसानों ने बताया कि अपर्याप्त खाद की आपूर्ति के कारण यहां लंबी कतार में लगकर रोजाना परेशान होना पड़ रहा है । कस्बे के किसानों ने बताया कि गत शुक्रवार को यहां आए सांसद को भी किसानों द्वारा यूरिया खाद पर्याप्त मात्रा में भेजने का आग्रह किया था किंतु उसका भी कोई असर नहीं हुआ। कस्बे में जितना यूरिया आया हैं वह ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है । किसानों ने बताया कि यहां के किसानों की व्यथा अधिकारी तो देख नहीं रहे हैं वहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा किसानों की अनदेखी उनके भविष्य पर भारी पड़ रही है। किसानों का कहना है कि आजकल रोजाना घर के सारे काम धाम छोड़ यूरिया खाद के लिए भटक रहे हैं । इसके बावजूद उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रहा है । उन्होंने जिला प्रशासन से अविलंब पर्याप्त यूरिया खाद की आपूर्ति की मांग की है।
किसानों का आरोप, खाद की हो रही ब्लैक मार्केटिंग
छबड़ा. एक और किसान खाद के लिए इधर उधर भटक रहे हैं दूसरी और कुछ निजी खाद व्यवसायी कालाबाजारी में खाद बेच रहे हैं । किसानों का आरोप है कि पिछले पांच दिनों से मार्केटिंग सोसाइटी में खाद खत्म हो चुका है । निजी दुकानदारों के पास आ रहा खाद कालाबाजारी में बिक रहा है। दुकानदार पहले खाद ना होने की बात कहते हैं तथा कालाबाजारी में 400 रुपए कटटे में खुफि या गोदाम से खाद उठा देते हैं ,जबकि खाद के कटटे की दर 282 रुपए है। रविवार को एसडीएम को कुछ किसानों ने एक दुकानदार पर खाद का कटटा 400 रुपए कालाबाजारी में बेचने की शिकायत की। किसानों ने शिकायत में कहा कि किसानों का शोषण हो रहा है और एक दुकानदार पर अपने निजी आवास से ही खाद की कालाबाजारी करने का आरोप लगाते हुए तत्काल प्रतिबंध लगाने व कार्यवाई की मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में शोषित किसान संघर्ष समिति के प्रतिनिधि रोशू मीणा, भगवान स्वरूप, मेघराज नागर, धर्मा धाकड़, राम किशन, प्रेम नारायण, राम स्वरूप, राकेश, मानंिसंह आदि शामिल थे । एसडीएम हेमराज परिडवाल ने बताया कि किसानों की खाद की कालाबाजारी की शिकायत पर तहसीलदार एवं कृषि विभाग को कार्यवाई के निर्देश दिए हैं।
रिपोर्ट – हंसराज शर्मा द्वारा
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