scriptस्मैक महंगी हुई तो चल पड़ा गांजे का धंधा, मोबाइल की घंटी बजते ही दौड़ा देते बाइक | Smack Became Expensive Ganja Business Increasing Women Also Joined Smacking Check Patrika Sting Operation | Patrika News
बारां

स्मैक महंगी हुई तो चल पड़ा गांजे का धंधा, मोबाइल की घंटी बजते ही दौड़ा देते बाइक

Ganja Business Increasing: 18 साल के युवा से शुरु हुआ गांजे की चिलम खेंचने का नशा 60-70 साल के उम्रदराज लोग मुक्तिधाम की राह पकड़ने से पहले तक गांजे का नशा छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

बारांJan 16, 2025 / 11:34 am

Akshita Deora

Baran News: मांगरोल में नशे की लत का कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति कर रहा है। दुकान पर जरुरी चीज समय पर मिले न मिले पर गांजा चौबीसों घंटे यहां पीने वालों को मयस्सर हो रहा है। नगर में स्मैक के बढ़ते दामों के कारण लोग गांजे के नशे में डूब रहे हैं। गांजे का नशा अब लोगों की नस-नस में समाने लगा है। घर पर रोटी मिलने की चिंता नहीं, पर दिन उगजे ही गांजे की चिलम का नशा जरुरी हो गया है। 18 साल के युवा से शुरु हुआ गांजे की चिलम खेंचने का नशा 60-70 साल के उम्रदराज लोग मुक्तिधाम की राह पकड़ने से पहले तक गांजे का नशा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। राजस्थान पत्रिका की ओर से किए गए स्टिंग ऑपरेशन में कई खुलासे हुए।

महिलाएं भी कारोबार में हो गई शामिल

पहले गांजा घरों पर बिकता था। इस व्यापार में महिलाएं गांजा बेचने का काम कर रही है। इसे सुरक्षित माना जा रहा है। एकाएक पुलिस हाथ डालने में संकोच करती है। हालांकि घर में पुरुष भी हैं। लेकिन वह निगरानी और सप्लाई के काम में जुटे रहते हैं। राजस्थान पत्रिका ने अवैध शराब, सट्टे के कारोबार व गांजे की बिक्री से हो रहा बस्तियों में खलल की 24 अक्टूबर को खबर प्रकाशित की। इसके बाद 25 अक्टूबर को पुलिस ने एक जने को दबोचा तो अब गांजे का व्यापार करने वाले हाइटेक होते नजर आए। गांजे का व्यापार तो अब भी नहीं थमा, लेकिन अब दूसरे ठिकाने पनपने लगे हैं। पहले एक जगह महिला गांजा बेचती थी। अब उसकी बेटी ने दूसरा मुकाम लगा लिया।
a

सारा काम मोबाइल पर

इसी तरह एक युवक मोबाइल पर गांजा बेच रहा है। फोन की घंटी बजते ही बाइक से गांजा ठिकाने पर पहुंच जाता है। स्मैक की पुड़िया 300 रुपए में मिलने के कारण सस्ता होने से गांजे का चलन बढ़ गया है। गांजा 100 रु में आसानी से मिल जाता है। पुलिस की बात करें तो पुलिस वर्ष की समाप्ति पर बनाए जाने वाले खाते बही के रेकार्ड के अनुसार फौरी कार्यवाही कर पिछले आंकड़ों से बढोत्तरी करती रहती है। इसके अलावा तो गांजे का व्यापार बेखौफ बदस्तूर जारी रहता आया है।
यह भी पढ़ें

रहें अलर्ट…सार्वजनिक वाई-फाई से हैकर्स कर सकते डिवाइस में प्रवेश, 8970 बच्चों को बताए साइबर ठगी से बचने के तरीके

सिगरेट से गांजा-स्मैक तक का सफर

इस मामले को लेकर राजस्थान पत्रिका संवादाता ने तीन दिन में गांजे के व्यापार की प्रमुख जगहों का जायजा लिया। इन बस्तियों में चांदा हाला तालाब, गौराजी रोड, रहमतनगर मुक्तिधाम के पास, सहरिया बस्ती, रावणजी का डोल क्षेत्र व तहसील रोड पर हालात बदतर मिले। नशा करने वाले हंसराज, मुकेश, रामरूस्वरुप, हीरालाल, मुकुटबिहारी (परिवर्तित नाम) समेत एक दर्जन लोगों ने बताया कि पहले सिगरेट पीना सीखा फिर धीरे धीरे स्मैक की लत लगी। स्मैक की पुडिया महंगी हुई तो अब गांजा पीने लगे हैं। अब इसके बिना जिंदा रहना मुश्किल हो गया है। बस्तियों के बीच फर्राटे भरती मोटरसाइकिलों से गांजा खरीदते लोग दिखे। बस्तियों के लोग इनकी आमदरफत देखते नजर आए। सुबह से शुरु हुआ यह सिलसिला देर रात तक चलता दिखाई दिया। इधर गांजा खरीदते लोग उधर स्कूल जाते बच्चे राह से निकलती महिलाएं दिखी। सबके सब इस मादक पदार्थ के धंधे से विचलित दिखे। लेकिन पूछने पर सामने आया कि किसी बस्ती के लोगों ने आजतक इसे बंद करने व इससे पड़ रहे प्रभाव से शासन प्रशासन को अवगत नहीं कराया।
a

इसके इतर और भी

क्षेत्र के इक्का दुक्का गांव को छोड़कर सब गांवों में अवैध रूप से देशी व विदेशी शराब की बिक्री हो रही है। कई गांवों में तो एकाधिक दुकानें खुली है। नगरपालिका क्षेत्र में ज्यादा दाम में शराब की बिक्री के अलावा गोदाम से भी शराब बेची जा रही है। लाइसेंसी दुकानों में मेहमान नवाजी के साथ शराब परोसी जा रही है। पानी, नमकीन और गिलास सब दुकान पर मुहैया कराए जा रहे हैं। नशा कम हो, दुकान बंद हो जाए तो घबराने की जरुरत नहीं यहां मोबाइल के जरिए या दुकानों के आसपास मंडराते लोग मिल जाएंगे। जो आपके नशे की जरुरत को पूरा करेंगे।
यह भी पढ़ें

सरकारी गेहूं लेने वाले हो जाएं सावधान! खाद्य सुरक्षा योजना में अब इन परिवारों पर कार्रवाई करेगा विभाग

राजस्थान पत्रिका के स्टिंग ऑपरेशन में हुए कई खुलासे

बारां में पहले से ही फैल रहे स्मैक के कारोबार ने अब समस्या का रूप ले लिया है। तालाब पाड़ा के सरकारी स्कूल में अवकाश के दौरान सन्नाटा रहा। ऐसे में यह नशेड़ियों के लिए स्वर्ग बन गया। यहां दिन रात नशा करते लोगों को देखा जा सकता है। इतना ही नहीं, यहां के लोहे के दरवाजे, जालियां तक स्मैकचियों ने अपने नशे के लिए चोरी कर फूंक दी हैं। मंगलवार दोपहर 2 बजे जब यह स्कूल बंद था। तब राजस्थान पत्रिका ने यहां का जायजा लिया। यह देख कर ताज्जुब हुआ कि स्कूल के अंदर जाने के बाद हर जगह स्मैक पीने वाले, नशा करने वाले नजर आए। इसी प्रकार अंजुमन चौराहे के पास स्थित एक बाड़े में भी यही हाल था। पत्रिका संवाददाता को देख यहां से नशेड़ी भागने लगे, कुछ ने अपशब्द भी कहे। कुछ के तो हाथ में इंजेक्शन भी थे। वे इसको निकाले बिना ही पत्रिका टीम को देख भाग निकले। इनमें अधिकतर 35 से 50 वर्ष की उम्र के लोग थे।

ग्राहक बन पहुंचे तो मामले का खुलासा

संवाददाता गांजे की पुडिया खरीदने गया तो गांजे की पुडिया 100 रु लेकर थमा दी। पूछने पर बताया कि गांजे की सप्लाई मध्यप्रदेश के रास्ते आती है। यहां से मध्यप्रदेश की लगती सीमा में घुसने के कई रास्ते हैं। ऐसे में कभी कभार जब पुलिस की सती का डर रहता है। तो रास्ता बदल लेते है। ऐसे में पुलिस देखती रह जाती है और गांजे की सप्लाई चालू रहती है।

Hindi News / Baran / स्मैक महंगी हुई तो चल पड़ा गांजे का धंधा, मोबाइल की घंटी बजते ही दौड़ा देते बाइक

ट्रेंडिंग वीडियो