बारां

देरी ने छीन ली दो जानें, जब तक अस्पताल लाए, थम चुकी थी कलावती की सांसें

क्षेत्र में कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते भैंसासुर नदी उफान पर है। मध्यप्रदेश सहित दर्जन गांवों से जिले का संपर्क टूट गया। इसी बीच, रविवार को सिलोरा गांव की गर्भवती भी इसी उफान के कारण एक नदी के एक छोर पर फंस गई और देरी के चलते उसकी जान चली गई।

बारांAug 13, 2024 / 12:40 pm

mukesh gour

क्षेत्र में कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते भैंसासुर नदी उफान पर है। मध्यप्रदेश सहित दर्जन गांवों से जिले का संपर्क टूट गया। इसी बीच, रविवार को सिलोरा गांव की गर्भवती भी इसी उफान के कारण एक नदी के एक छोर पर फंस गई और देरी के चलते उसकी जान चली गई।

नदी में उफान, 3 घंटे तड़पने के बाद गर्भवती की मौत

Monsoon news : केलवाड़ा. क्षेत्र में कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते भैंसासुर नदी उफान पर है। इससे घंटों तक दोनों ओर आवाजाही थमी रही। मध्यप्रदेश सहित दर्जन गांवों से जिले का संपर्क टूट गया। इसी बीच, रविवार को सिलोरा गांव की गर्भवती भी इसी उफान के कारण एक नदी के एक छोर पर फंस गई और देरी के चलते उसकी जान चली गई। उफान के कारण समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण तड़पते हुए उसने दम तोड़ दिया। इस नदी पर बड़ा पुल नहीं होने कारण कई गांवों के लोगों को हर साल बरसात के दिनों में इसी तरह की परेशानी उठानी पड़ती है।
यह है मामला

रविवार को सिलोरा निवासी अनिल सहरिया की गर्भवती पत्नी कलावती सहरिया की अचानक तबीयत बिगड़ गई। इस बीच परिजन उसे केलवाड़ा अस्पताल ला रहे थे, रास्ते में भैंसासुर नदी उफान पर होने से वे काफी देर तक उस पार अटके रहे। इस दौरान 3 घंटे तक कलावती दर्द से तड़पती रही। इस दौरान एक ट्रैक्टर को पार होते देख एक अन्य ट्रैक्टर चालक ने आपात स्थिति को समझते हुए हिम्मत दिखाई और उसे नदी पार करवाई। वहां से उसे केलवाड़ा अस्पताल लाया गया। चिकित्सकों ने उसे तुरंत भर्ती कर ऑक्सीजन लगाई। तबीयत ज्यादा बिगडऩे के चलते उसे बारां रैफर कर दिया, लेकिन कुछ ही देर में उसका दम टूट गया। ससुर पप्पू सहरिया ने बताया कि बहू कलावती को पहले से एक बेटा है। दूसरी बार वह आठ माह से गर्भवती थी। बारिश के कारण आने में काफी अड़चनें आई और तबीयत ज्यादा खराब होने से उसकी मौत हो गई। नदी में उफान के कारण 30 किमी घूमकर समरानियां, अजरोंडा होकर वे घर पहुंचे और सोमवार शाम को उसका अंतिम संस्कार किया गया।
गर्भवती को शनिवार रात में सांस लेने में दिक्कत थी। बरसात के चलते परिजन उसे अस्पताल लेकर नहीं आए। रविवार को गंभीर हालत में परिजन उसे अस्पताल लाए, उसका उपचार कर ऑक्सीजन लगाई गई। हालत गंभीर देखते हुए बारां रैफर किया गया, लेकिन एम्बुलेंस में रखने के कुछ देर बाद ही मरीज की मौत हो गई।

डॉ. राजेश राजावत, चिकित्सा प्रभारी, केलवाड़ा अस्पताल

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