ऐसे में एक से ज्यादा विषय में पदोन्नत शिक्षकों को जहां एक ही विषय का चयन करने पर अन्य विषय में पदोन्नति का परित्याग करना पड़ेगा तो वरिष्ठता का आर्थिक लाभ ले चुके शिक्षक तबादले से बचने के लिए पदोन्नति छोड़ सकते हैं। लिहाजा उनके पद खाली रहने से जहां स्कूलों को पूरे व्याख्याता नहीं मिल सकेंगे। वहीं रिव्यू डीपीसी व री काउंसलिंग से डीपीसी की प्रक्रिया भी लंबा समय लेगी।
कई तो 3-3 विषयों में हो गए पदोन्नत
शिक्षा विभाग द्वारा जारी 10 हजार 515 शिक्षकों की डीपीसी सूची में सैकड़ों वरिष्ठ अध्यापक दो से तीन विषयों में पदोन्नत किए गए हैं। सूची में अंकित वरिष्ठ शिक्षक नेमीचंद निठारवाल का अंग्रेजी, भूगोल व हिंदी तीनों विषयों में पदोन्नति हुई है। इसी तरह नेहा पारीक की हिंदी व गणित तो रणवीर सिंह की अंग्रेजी, इतिहास विषय से लेक्चरर पद पर पदोन्नति हुई है। ऐसे में वह एक ही विषय में लेक्चरर पद पर ज्वानिंग देंगे, शेष दो विषयों पर पद रिक्त रहेंगे।
शिक्षकों को विकल्प भरने का अवसर देना चाहिए
रेस्टा के जिलाध्यक्ष गजराज सिंह ने बताया कि पदोन्नति डीपीसी में भी सरकार को काउंसलिंग करवाना चाहिए था। ताकि शिक्षकों को अपनी पसंद के एक ही विषय में लेक्चरर पद पर पदोन्नति मिल जाती और रिक्त रहे अन्य विषयों के पदों पर पदस्थापन का निस्तारण भी तत्काल हो जाता।