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बारां

मच्छरों ने छीना चैन और सुकून: डेंगू के साथ मलेरिया का भी दे रहे मर्ज

राजस्थान के बारां जिले में मच्छरों से बचाव के लिए हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चरणबद्ध तरीके से अभियान चलाया गया। गांव-गांव में एंटी लार्वा गतिविधियों करने पर फोकस किया जा रहा है, लेकिन जितनी दवा की जा रही है।

बारांDec 12, 2022 / 03:41 pm

Santosh Trivedi

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

राजस्थान के बारां जिले में मच्छरों से बचाव के लिए हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चरणबद्ध तरीके से अभियान चलाया गया। गांव-गांव में एंटी लार्वा गतिविधियों करने पर फोकस किया जा रहा है, लेकिन जितनी दवा की जा रही है। मर्ज बढ़ता जा रहा है। डेंगू बुखार तो वर्ष भर सेहत पर हावी रहा है। मलेरिया के रोगी भी सामने आ रहे है। घरों के आसपास पानी जमा हो रहा है। कई जगह नाले-नालियों में मच्छर पनप रहे हैं तो कई जगह साफ पानी भरा रहने से मच्छरों को पनपने का अवसर मिल रहा है। सफाई व्यवस्था को लेकर उदासीन रवैया अपनाया जा रहा है।

जिले में यहां मिले 11 मलेरिया के रोगी
यों तो जिले के अधिकांश क्षेत्र में मलेरिया फैलाने वाला मच्छर सुस्त पड़ा हुआ है, लेकिन किशनगंज और शाहाबाद ब्लॉक में मिल रहे मलेरिया रोगियों ने गणित बिगाड़ कर रख दिया। इस वर्ष अब तक जिले में मलेरिया के 11 रोगी चिन्हित किए गए है। यह सभी 11 मरीज किशनगंज और शाहाबाद ब्लॉक क्षेत्र में ही मिले है। इससे इतना तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से किशनगंज और शाहाबाद ब्लॉक में अभियान के तहत एंटीलार्वा गतिविधियां करने में खासी सुस्ती बरती जा रही है। किशनगंज ब्लॉक में अब तक 6 और शाहाबाद ब्लॉक में 5 मलेरिया रोगी चिन्हित किए गए हैं।

मई से मिलने लगे रोगी, फिर भी बरती सुस्ती
जिले के किशनगंज और शाहाबाद ब्लॉक में इस वर्ष करीब छह माह पहले मई में ही मलेरिया रोगी मिलने लग गए थे। मई में इस वर्ष का पहला मलेरिया रोगी चिन्हित हुआ था। उसके बाद जून माह में एक भी रोगी नहीं मिला, लेकिन जुलाई में एक साथ दो रोगी आ गए। उसके बाद अगस्त में तो एक साथ चार मलेरिया पॉजिटिव मिले, लेकिन फिर चिकित्सा टीमें नहीं जागी। उसके बाद लगातार एक-दो रोगी मिल रहे हैं। नवम्बर माह में तो मलेरिया-पीवी के अलावा एक रोगी मलेरिया-पीएफ का भी मिला था। मलेरिया-पीएफ अधिक घातक रहता है। इसे लेकर उपचार में उदासीनता बरतने से जान जाने का खतरा भी रहता है।

डेंगू के 45 मामले, फिर भी पिछले वर्ष से कम
जिले में मलेरिया के अलावा डेंगू के रोगी भी चिन्हित हो रहे हैं। इस वर्ष हर माह डेंगू के रोगी मिले हैं। इन संख्या बढ़कर अब तक 45 हो गई है। इसमें सबसे अधिक 12 रोगी अन्ता ब्लॉक क्षेत्र में चिन्हित हुए हैं। इसके बाद अटरू में 7 बारां शहर में 6 और बारां ग्रामीण एवं छबड़ा, छीपाबड़ौद में 55 डेगू रोगी मिले हैं। अन्य ब्लॉक में इससे कम संख्या रही है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के पिछले वर्ष के आंकड़े देखें तो इस वर्ष डेंगू के बहुत कम रोगी मिले हैं। पिछले पूरे वर्ष के दौरान 147 डेंगू रोगी मिले थे और इस वर्ष 45 ही मिले हैं।

अभियान के दौरान विशेष तौर पर डेंगू को लेकर जोर दिया गया। इससे पिछले वर्ष से बहुत कम मात्र 45 रोगी मिले। मलेरिया रोगियों की संख्या में भी कमी है। अभियान समाप्त होने के बाद भी डेंगू पॉजिटिव मिलने पर सम्बंधित इलाके में एंटी लार्वा गतिविधियां कराई जा रही हैं।
डॉ. राजेन्द्र कुमार मीणा, डिप्टी सीएमएचओ (स्वास्थ्य)

https://youtu.be/lUPNLvCGfNk

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