पार्क के चहुंओर हो रहे अस्थाई अतिक्रमण के चलते पूरा पार्क दबा हुआ है। रोड से गुजरते एकदम तो पार्क नजर ही नहीं आता क्योंकि चारों ओर गुमटियां, फुटकर विक्रेता व वाहनों का जमावड़ा रहता है।
नगर परिषद की ओर से पिछले कई मौकों पर अस्थाई अतिक्रमण हटाए गए लेकिन कभी मॉनिटरिंग नहीं की गई। ऐसे में चंद दिनों बाद फिर से अतिक्रमी काबिज हो गए। वाहनों के बेतरतीब ढंग से खड़े रहने के कारण यातायात व्यवस्था भी खासी बाधित रहती है। बीते वर्षों में यह पार्क सिकुड़कर रह गया है। न बाहर ठीक, न अंदर
बाहर की ओर से पार्क को देखने पर दुर्दशा नजर आती है। पार्क के एक बाहरी हिस्से में कंटेनर के आस-पास कचरा पड़ा रहता है।
लोग यहीं लघुशंका भी करते हैं तो अंदर भी कम बदहाली नहीं है। पार्क में लगे फव्वारे बंद पड़़े हैं। घास के नाम पर कुछ नहंी है और न दो पल सुकून के काटने जैसा माहौल यहां है। पार्क से सटकर ही ट्रांसफार्मर खड़ा हुआ है। पार्क का अंदर का हिस्सा लोगों ने कचरा पात्र बना दिया है। यहां तक कि पैनल बॉक्सों के अंदर तक कचरा भरा हुआ है।
&दीनदयाल पार्क की दशा सुधारने को लेकर पूर्व मौकों पर नगर परिषद को अवगत कराया गया, ज्ञापन दिए गए, लेकिन जान-बूझ कर उपेक्षा की जा रही है। सुरेन्द्र गालव, जिला उपाध्यक्ष, भाजपा
बीएम सिंघल, एक्सईएन नगर परिषद
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती व पुण्यतिथि के मौके पर ही पार्क में कुछ सफाई दिखती है। एक दिन पहले ही यहां कुछ साफ-सफाई करा दी जाती है। लोग आते हैं, प्रतिमा पर माल्यार्पण कर चले जाते हैं। उसके बाद सुध लेने कोई नहीं आता। परिषद की ओर से बीते दिनों चारमूर्ति चौराहा व अम्बेडकर सर्किल के फव्वारे चालू करा दिए गए लेकिन यहां का फव्वारा अब तक चालू नहीं हो सका है।