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पुलिस अधीक्षक राज कुमार चौधरी ने बताया कि 16 अगस्त की रात को बुजुर्ग दंपति रामकल्याण राठौर (80) और उसकी पत्नी लटूर बाई की हत्या कर दी थी। सुबह करीब पौने 11 बजे एक पड़ौसी ने मृतक के मंडोला छापर निवासी पोत्र अविनाश को फोन कर बताया कि तेरे दादा दादी उठ नहीं रहे, तुरन्त घर पर जाओ। इस पर मृतक का पुत्र माणकचन्द और माणक का पुत्र अविनाश दोनों मंडोला घर पहुंचे तो नजारा कुछ अलग ही था। घटना स्थल को देखते हुए लग रहा था, बुजुर्गों का अपराधियों से संघर्ष भी हुआ है। माणकचन्द की मां लटूर बेड पर सीधी लेटी हुई थी, गले में स्कार्फ से फंदा लगा हुआ था और सिर से खून निकल रहा था, लेकिन सांसें थम चुकी थी। इसके समीप बेड के नीचे की तरफ पिता रामकल्याण पड़े थे। उनके भी सिर से खून निकल रहा था और मृत्यु हो चुकी थी।
ऐसे वारदात को दिया अंजाम
16 अगस्त की रात को आरोपी अपने घर से मोटरसाइकिल पर सवार होकर रात करीब 11-12 बजे अपने नाना के घर मंडोला आया, नाना को दरवाजा खोलने के लिए बुलाया। फिर नाना से बात की और उनसे पैसे की मांग की। तो नाना ने पैसे देने से इनकार कर दिया। साथ ही उसे घर पर आने के लिए भी मना किया। इस पर आरोपी ने दोनों के सोने का इंतजार किया और खुद भी सोने का नाटक किया। जब उसके नाना-नानी सो गए तो वह उठा और अपने साथ लाए हथियार से अपने नाना-नानी के सिर पर वार कर दिया और आरोपी मौके से वापस अपने घर चला गया।
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आरोपी ने बताई घटना की वजह
आरोपी ने पूछताछ मे बताया कि नाना के पास बहुत पैसा है, मेरे पिता की मौत हो चुकी है। हमारी अर्थित हालात ख़राब है, इसलिए जब भी मैं अपने ननिहाल आता था तो उनसे कहता था कि आपके पास इतना पैसा है, आप हमें पैसे क्यों नहीं देते, इस पर मेरे नाना पैसे देने से इनकार कर देते थे। कुछ दिन पहले मेरे नाना ने कहा कि तुम और तुम्हारी मां हमारे घर नहीं आओगे। साथ ही मरने से पहले दोनों बेटों को ही जमीन देंगे, बेटियों को नहीं देंगे। इस कारण जमीन में हिस्सा और पैसा नहीं देने से नाराज होकर मैंने दोनों की हत्या करने की प्लान बनाया। ताकि हमें जमीन में हिस्सा मिल सके।