खातेदार कान्हा का देहान्त वर्ष 1981 तथा सोमतिया का देहान्त वर्ष 1984 में हो गया, लेकिन उक्त आराजियात पर उत्तराधिकारी एवं वारिसान का नाम फोती इतंकाल नहीं खुला। 15 सितंबर 2022 को उसने फोती इन्तकाल खोलने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया।
इस पर 3 जनवरी 2023 को न्यायालय ने नोटिस जारी कर 11 जनवरी 2023 को गवाह प्रस्तुत करने के लिए तलब किया। इसी दिन दूसरे पक्ष के नाम से नोटिस जारी कर 17 जनवरी को तलब किया तथा शपथ पत्र साक्ष्य के लिए लेकर उक्त आराजियात पर 13 मई को दूसरे पक्ष के नाम नामान्तकरण दर्ज कर दिया।
इस पर तत्कालीन पटवारी अभिषेक सिंह गुर्जर, कनूनगो आशीष गौतम व तहसीलदार अब्दुल हफीज, दूसरे पक्ष के लालचंद, लटूरचंद पुत्र कान्हा व पांचीबाई, कस्तूरीबाई, प्रेमबाई पुत्रियां कान्हा धाकड़ तथा संतरा, संतोष पुत्रियां भैरूलाल और कांतिबाई पत्नी भैरूलाल निवासी रामगंजमण्डी के खिलाफ प्रार्थी ने 19 नवंबर 2023 को कोतवाली में रिपोर्ट दी थी। अब 6 सितंबर 2024 को धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है।