एसीबी के निरीक्षक ताराचंद मीणा ने बताया कि केलवाड़ा के कलोनिया निवासी ओमप्रकाश ने बूंदी एसीबी चौकी पर शिकायत दी थी। उसका कहना था कि खेत पर लगे कृषि कनेक्शन का बिजली का बिल बकाया के होने के कारण कनिष्ठ अभियन्ता वहां लगा ट्रांसफार्मर खुलवाकर ले आया। उसने मंगलवार को बिजली की बकाया राशि 63 हजार 772 रुपए जमा करवा दिए। उसने कनिष्ठ अभियन्ता विक्रम मीणा से वापिस ट्रांसफार्मर लगाने का आग्रह किया तो उसने 40 हजार रुपए रिश्वत मांगी। बाद में वह 25 हजार रुपए लेने को तैयार हो गया।
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इस शिकायत पर एसीबी के उप अधीक्षक ज्ञानचंद ने गोपनीय सत्यापन करवाया तो मीणा ने सत्यापन के दौरान बुधवार सुबह करीब सवा सात बजे दस हजार रुपए ले लिए। इसके दो घंटे बाद टीम ने मीणा को अपने घर पर 15 हजार रुपए लेते हुए पकड़ लिया। एसीबी कार्रवाई की भनक लगते ही मीणा ने कमरे में शौचालय के कमोड में रुपए फैंक दिए और फ्लश चला दिया। टीम ने कमोड के अंदर से रुपए निकाले और धूप में सुखाया। टीम ने तलाशी में और भी राशि बरामद की।
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एसीबी टीम से मारपीट
ट्रेप की कार्रवाई से बौखलाए कनिष्ठ अभियन्ता विक्रम मीणा और उसकी पत्नी ने एसीबी टीम के सदस्यों से हाथापाई कर दी। उन्होंने एक पुलिसकर्मी का मोबाइल तोड़ दिया और एक पुलिसकर्मी के सीने पर दांत से काट खाया। इस सम्बन्ध में एसीबी के कांस्टेबल राम सिंह ने कनिष्ठ अभियन्ता के खिलाफ केलवाड़ा थाने में मारपीट का मामला दर्ज करवाया।