स्कार्फ बांधने से किया था मना मामला बाराबंकी जनपद के नगर कोतवाली इलाके के ईसाई मिशनरी स्कूल आनन्द भवन का है। जहां पिछले दिनों एक मुस्लिम बच्ची को स्कूल के ड्रेस कोड का हवाला देते हुए सिर पर स्कार्फ बांधने से मना कर दिया था। जब बच्ची के अभिभावक ने इसे धार्मिक जरूरत बताते हुए स्कार्फ बांधने की अनुमति मांगी और स्कूल से पत्राचार किया तो इस कदम से भड़के स्कूल ने अभिभावक को लिखित आदेश देते हुए कहा कि अगर हमारे नियमों से आपको कोई परेशानी है तो अपनी बच्ची का दाखिला किसी इस्लामिक स्कूल में करवा दें और भविष्य में इस संबंध में कोई पत्राचार न करें।
जिलाधिकारी ने दिया न्याय का भरोसा इस बात को लेकर आज बच्ची के अभिभावक मौलाना रजा रिजवी जिलाधिकारी से मिले और न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि सिर पर स्कार्फ बांधना और सिर को ढककर रखना इस्लाम में धार्मिक रूप से आवश्यक है। अभिभावक का कहना है कि जिलाधिकारी ने उनकी पूरी बात सुनी और न्याय का भरोसा भी दिया है। अभिभावकों ने कल जिले में एक चुनावी सभा को सम्बोधित करने आ रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की इच्छा भी जताई है। जिससे स्कूल प्रबन्धन की शिकायत वह उनसे कर सकें। कुछ भी हो मगर स्कूल प्रशासन की हठधर्मिता और अभिभावक की धार्मिक अनिवार्यता की मजबूरी पर अब जिलाधिकारी बाराबंकी क्या कदम उठाते हैं, ये देखने वाली बात होगी। हालांकि जिलाधिकारी बाराबंकी अखिलेश तिवारी ने इस मामले पर मीडिया से किसी भी प्रकार की बात करने से इनकार किया है।