हमें कब करवाना चाहिए कोरोना टेस्ट
डा. राजीव कुमार सिंह के मुताबिक कोरोना काल में घबराना बिल्कुल नहीं चाहिये। कुछ लोग नार्मल बुखार और खांसी आने पर भी घबरा जाते हैं, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिये। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक बुखार आ रहा हो, बदन दर्द हो, स्वाद व गंध न आ रही हो और सांस लेने में परेशानी हो। तो आपको करोना की जांच करा लेनी चाहिये। हालांकि इस तरह के लक्षण पहले भी दिख रहे थे, लेकिन अब मरीजों में नए लक्षण भी दिख रहे हैं, जिनमें आंखों में लालिमा या गुलाबीपन, सुनने में परेशानी और लूज मोशन भी हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में भी जांच कराना जरूरी है। इसके अलावा अगर आप कोरोना संक्रमित के संपर्क में 6 फीट की दूरी से या उसके साथ करीब 15 मिनट या ज्यादा संपर्क में रहे हों, तब भी आपको बिना देर किये जांच करानी चाहिये।।
कौन-सा टेस्ट ज्यादा सही
डा. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना टेस्ट के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट के नतीजे सबसे ज्यादा भरोसेमंद हैं। हालांकि इसकी रिपोर्ट आने में छोड़ा समय लगता है, लेकिन इसे गोल्ड स्टैंडर्ड माना जाता है। इसके अलावा रैपिड एंटीजन टेस्ट (रैट RAT) भी होता है, जिसके नतीजे तुरंत पता चल जाते हैं। अगर रैट रिपोर्ट पॉजिटिव है, तो आपको कोरोना है। लेकिन अगर रैट की रिपोर्ट निगेटिव है और उसके बावजूद आपमें लक्षण दिख रहे हैं, तो बिना देर किये आपको आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना ही चाहिए।
ये लोग न कराएं टेस्ट
डा. राजीव कुमार सिंह ने कहा कि अगर आपने कोविड वैक्सीन (Covid Vaccine) के दोनों डोज लगवा लिये हों और डोज लगवाए हुए 2 हफ्ते भी बीत चुके हों। तो टेस्ट कराने की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती। क्योंकि ऐसी स्थिति में अगर आपको किसी प्रकार की तकलीफ नही है या कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, तो कोरोना होने की संभावना न के बराबर हो जाती है। ऐसे में घबराएं नहीं और पूरी सतर्कता बरतें।
सीटी वैल्यू-सीटी स्कोर में अंतर
डा. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि सीटी वैल्यू-सीटी स्कोर (CT Value-CT Score) दोनों अलग-अलग हैं। सीटी वैल्यू साइकिल थ्रेशहोल्ड वैल्यू है, जो शरीर में वायरल लोड बताती है। अगर सीटी वैल्यू 35 से कम है, तो इसका मतलब आप संक्रमित हैं। सीटी वैल्यू 22 से कम पर आपको अस्पताल में भर्ती होने की भी जरूरत है। ऐसे में डॉक्टर कुछ मरीजों को सीने के सीटी स्कैन की सलाह भी देते हैं, ताकि संक्रमण का पता लगाया जा सके। इसमें सीटी स्कोर जितना ज्यादा होगा, संक्रमण भी उतना ही ज्यादा होगा।
कोरोना से कैसे करें बचाव
– कोविड की वैक्सीन आ चुकी है, इसे जरूर लगवाएं। इसकी कोई दूसरी दवा नहीं है, इसलिए सावधानी ही बचाव का सबसे बेहतर तरीका है।
– कोरोना के जो भी इलाज हो रहे हैं, वे सिर्फ प्रायोगिक तौर पर हैं, न कि स्थायी। इसलिए कोरोना से बचाव ही एकमात्र स्थायी उपाय है।
– इसके अलावा मास्क पहने, बार-बार हाथ धोते रहें, फिजिकल या सोशल डिस्टेंसिंग यानी दो गज की दूरी जरूर अपनाएं, तभी हम इससे बच सकते हैं।