दरअसल जिले के दानपुरा थाना इलाके में स्थित खजूरी गांव का यह पूरा मामला है। गांव में रहने वाली चार बच्चियां जिनका नाम संजा, मनीषा, रानू और माया है। चारों की उम्र चार से पांच साल है। इन बच्चियों के रिश्ते में लगने वाले चाचा की उम्र मात्र दस साल है। बताया जा रहा है कि चारों – पांचो बच्चे कल देर शाम डॉक्टर-डॉक्टर खेल रहे थे। इस दौरान दस साल का बच्चा डॉक्टर बना हुआ था और चारों बच्चियां मरीज बनी हुई थी।
बताया जा रहा है कि घर में रखी एक कीटनाशक की शीशी को दवा के रूप में काम में लिया। दस साल के चाचा ने अपनी चारों भतीजियों को बारी-बारी से वह दवा पिला दी। जब उसकी तबियत बिगड़ने लगी तो परिजन उनको लेकर एमजी अस्पताल पहुंचे। चारों को एंबुलेंस से ले जाया गया। अचानक एक साथ बच्चों के बीमार होने के चलते हडकंप मच गया। बाद में अस्पताल में पता चला कि उन्होनें क्या खाया है। देर रात तक चारों बच्चों का इलाज किया जाता रहा, उसके बाद उनकी हालत खतरे से बाहर आई है। बताया जा रहा है कि आज दोपहर तक चारों को छुट्टी दे दी जाएगी।