शहर के मध्य राज तालाब इंदिरा कॉलोनी, काली कल्याण धाम, खाटवाड़ा,पृथ्वीगंज समेत कइर् कॉलोनियों एवं आवासीय आबादी से घिरा हुआ है। रियासत काल से जुड़़े तालाब के निर्माण को लेकर कई एतिहासिक साक्ष्य एवं कहानियां। यह तालाब आपसी सौहार्द की मिसाल भी कायम किए हुए है। यहां तालाब के पाल किनारे हिंदू व मुस्लिम समुदाय के धार्मिक स्थल हैं। यहां पर्यूषण पर्व के दौरान जैन समाज का रथ पहुंचता है। देवजुझलनी ग्यारस के बेवाण भी भी परंपरागत रूप से यहां आते है। मुस्लिम समुदाय के ताजिए भी यहां ठंडे किए जाते है। अन्य धार्मिक व सामाजिक आयोजन भी यहां होते है।
सभापति जैनेन्द्र त्रिवेदी का कहना है शहर के मध्य िस्थत यह तालाब प्राचीन धरोहर सिमेटे हुए है। यहां का इतिहास गौरवमयी रहा है। नगर परिषद ने राज तालाब का सौंदर्यीकरण एवं जीर्णोद्वार कर बीडा बीड़ा उठाया है। इसके तहत यहां तालाब के चारों तरफ आकर्षक फेंसिंंग की जाएगी। यहां सभी घाटों का जीर्णोद्धार होगा। बगिया विकसित की जाएगी, चित्रकला के जरिए तालाब व वागड़ से जुड़ी कला एवं संस्कृति उकेरी जाएगी। यहां वॉकिग ट्रेक बनाया जाएगा। तालाब में शहर का प्रदूषित पानी नहीं आए। इसके तहत यहां लिंक नाले बनाए जाएंगे। निर्माण कार्ययोजना पर काम हो रहा है। जल्द ही नए लूक में बनेगा तालाब।
नगर परिषद के अधिशासी अभियंता पवन नुवाल ने बताया कि राज्य सरकार की अमृत योजना के तहत राज तालाब की काय पलट की जाएगी। तीन करोड़ साठ हजार रुपए की डीपीआर बनाई जा रही है। तालाब का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण के कार्य यहां योजना क्षेत्र में प्रस्तावित है। Raj Talab will become tourist palace in Banswara