इस दिन 13 घंटे 36 मिनट का दिन तथा 10 घंटे 24 मिनट की रात होगी। ऐसा अवसर वर्ष में एक ही दिन 21 जून को आता है। स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए यह देखना बेहद रोचक होगा। पृथ्वी का अपने अक्ष पर साढ़े 23 डिग्री झुकाव होने के कारण उत्तर में कर्क रेखा तथा दक्षिण में मकर रेखा तक शून्य छाया दिवस बनता है। मकर रेखा पर यही स्थिति 21 दिसम्बर को बनती है, जब यहां शून्य छाया दिवस बनता है। बांसवाड़ा में 21 जून को सबसे छोटी परछाई दिखाई देगी।
ज्योतिषीय जानकार भरत कुमार खंडेलवाल बताते हैं कि 21 जून को कर्क रेखा पर शून्य छाया दिवस रहेगा, अर्थात दोपहर 12:33 बजे प्रत्येक वस्तु की छाया शून्य हो जाएगी। ऐसा अद्भुत नजारा कर्क रेखा पर स्थित इलाकों में वर्ष में एक ही दिन देखा जा सकता है। कर्क रेखा से उत्तर में इस दिन ही सबसे छोटी परछाई होती हैं।
यह कर सकते हैं रोचक प्रयोग
21 जून की दोपहर में एक टेबल पर सफेद कागज रखें तथा उस पर 1 मीटर लम्बा तथा 2 से 4 इंच मोटा पाइप खड़ा रख दें। दोपहर 12:33 बजे इसकी छाया नाप लें। इससे छाया का प्रतिशत निकाला जा सकता है। ऐसे प्रयोग के लिए बोतल, खम्भा, स्केल, लकड़ी आदि भी लगा सकते हैं। कार्डशीट या चार्ट को ही गोल बनाकर पाइप का आकार दे सकते हैं।
उत्तरी भारत में सबसे छोटी परछाई
राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार, उत्तरी-पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्य, पंजाब, हरियाणा सहित समस्त उत्तरी राज्यों में शून्य छाया दिवस नहीं होता है। इन राज्यों में 21 जून की दोपहर में सबसे छोटी परछाई जरूर दिखाई देगी। जम्मू कश्मीर एवं लेह लद्दाख में क्षेत्र में सर्वाधिक लंबी परछाई दिखाई देगी।
दक्षिण भारत में होते हैं दो-दो शून्य छाया दिवस
कर्क रेखा से दक्षिण की ओर गुजरात, मध्यप्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा एवं समस्त दक्षिण भारतीय राज्यों के प्रत्येक शहर में वर्ष में दो दिन शून्य छाया दिवस देखा जा सकता है। भारत के नक्शे में कुछ नगरों के शून्य छाया दिवस दर्शाए भी गए हैं। क्या है इस घटना की वजह?
पृथ्वी का अपने अक्ष पर साढ़े 23 डिग्री का झुकाव होने से उत्तर में कर्क रेखा तथा दक्षिण में मकर रेखा तक सूरज धरती के एक सीध में होता है। मकर रेखा पर यही स्थिति 21 दिसम्बर को बनती है, जब वहां शून्य छाया दिवस बनता है।
राजस्थान में शुन्य छांया दिवस
राजस्थान के दक्षिणी जिले बांसवाड़ा में 10 जून से 21 जून तक तथा 21 जून से 3 जुलाई तक बढ़ते-घटते क्रम में शून्य छाया दिवस जिले में देखा जा सकता है। बांसवाड़ा के शहरी क्षेत्र में यह घटना घटित नहीं होगा, क्योंकि कर्क रेखा शहर से 7 किलोमीटर दूर दक्षिण की ओर से गुजरती है।