मैसूरु सर्कल की वन संरक्षक मालती प्रिया, डीसीएफ, मैसूर डिवीजन (प्रादेशिक) केएन बसवराजू, डीसीएफ मैसूर डिवीजन (वन्यजीव) आईबी प्रभुगौड़ा, एसीएफ रवींद्र 20 से अधिक कर्मियों द्वारा किए गए अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने बुधवार को मौके का दौरा किया और टीम का मार्गदर्शन किया।
डीसीएफ बसवराजू ने बताया कि सीसीटीवी और ट्रैप कैमरों की निगरानी के अलावा वे पैदल गश्त भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें सीसीटीवी या ट्रैप कैमरों में तेंदुए के कोई नए पगमार्क या चित्र नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि वे इन्फोसिस के अधिकारियों को बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में निर्देश दे रहे हैं।
एलटीएफ आरएफओ नदीम ने बताया कि उन्होंने इन्फोसिस कैंपस में पहले से लगे सीसीटीवी कैमरों के अलावा तीन पिंजरे, 12 पीटीजेड (पैन-टिल्ट-जूम) और तीन जीएसएम ट्रैप कैमरे लगाए हैं। दिन में सामान्य ड्रोन और रात में थर्मल ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने परिसर के पास एक सीढ़ी भी लगाई है, जहां से तेंदुआ परिसर में घुसा था, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह उसी रास्ते से वापस आए। वह एक पेड़ पर चढ़ गया था और उसी स्थान पर इन्फोसिस परिसर के परिसर में कूद गया था। उन्होंने कहा कि परिसर में ही एक टीम तैनात है।