शहर में भारी बारिश को देखते हुए जिला कलेक्टर ने सोमवार को शहर के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ियों में छुट्टी की घोषणा कर दी थी। आधिकारिक बयान में कहा गया, बेंगलूरु शहरी जिले में लगातार बारिश के कारण, छात्रों के हित में एहतियाती उपाय के तौर पर 21 अक्टूबर को सभी आंगनवाड़ी केंद्रों, साथ ही निजी और सहायता प्राप्त प्राथमिक और उच्च विद्यालयों में छुट्टी घोषित की गई है।
मौसम की मौजूदा स्थिति के बीच छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर यह निर्णय लिया गया है, जिससे बेंगलूरु के कई हिस्सों में जलभराव और यातायात बाधित हुआ है।
सोमवार सुबह शहर में भारी बारिश के बाद बेंगलुरु के निवासियों ने एक्स पर जाकर अपनी चिंताएँ साझा कीं। हालांकि दोपहर को कड़ी धूप भी निकली तो लोगों ने सोशल मीडिया पर मौसम विभाग को गलत पूर्वानुमान लगाने के लिए जमकर ट्रोल किया और खिल्ली उड़ाई।
शाम ढले फिर बारिश का दौर शुरू हो गया और रात ढलते ढलते शहर एक बार फिर मूसलाधार बारिश का सामना कर रहा है। शहर के कई इलाकों से जोरदार गरज के साथ बारिश होने और तडि़त चालन की खबरें हैं।
भाजपा नेताओं ने किया शहर का दौरा
इस बीच, भाजपा नेताओं ने सोमवार को बेंगलूरु में भारी बारिश से प्रभावित कुछ इलाकों का दौरा किया। विपक्ष ने मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या पर भारी बारिश से प्रभावित लोगों की समस्याओं की अनदेखी कर गहरी नींद में सोए रहने का आरोप लगाते हुए राज्य के लिए 5,000 करोड़ रुपये और बेंगलूरु शहर के लिए 1,000 करोड़ रुपए की राहत राशि की मांग की। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए विपक्ष के नेता आर. अशोक ने मांग की कि मुख्यमंत्री को स्थिति की समीक्षा के लिए तुरंत संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पिछले एक महीने में बाढ़ और बारिश से संबंधित समस्याओं को लेकर कोई बैठक नहीं की है।