विधानसभा में बोलते हुए पूंजा ने स्थानीय किसानों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित किया, जिनकी फसलें हाथियों द्वारा नष्ट की जा रही हैं। उन्होंने कहा, किसानों को एक मौका दीजिए। हम हाथियों को गोली मार देंगे।
पूंजा की इस टिप्पणी की अन्य विधानसभा सदस्यों ने कड़ी निंदा की। वन मंत्री ईश्वर खंड्रे को पूंजा को याद कराना पड़ा कि वे एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। वन मंत्री ने उन्हें इस तरह के बयान न देने की सलाह दी और उनके कर्तव्य की याद दिलाते हुए कहा कि आप जनप्रतिनिधि हैं। आपको इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने भी इस विचार का विरोध करते हुए कहा कि जानवरों को भी धरती पर रहने का उतना ही अधिकार है जितना कि इंसानों को है और उन्हें मारना इसका समाधान नहीं है।
कर्नाटक में हाथियों के हमलों की बढ़ती घटनाएं
हाल के महीनों में कर्नाटक में मानव-हाथी संघर्ष की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 9 दिसंबर को हासन जिले में एक जंगली हाथी ने अपने झुंड से अलग होने के बाद वन विभाग की जीप का पीछा किया। मार्च में हसन जिले के केसगुली गांव में दो किसान जंगली हाथी के हमले से बाल-बाल बच गए। फरवरी में बंडीपुर नेशनल पार्क में एक हाथी ने दो पर्यटकों का पीछा किया क्योंकि वे उसके साथ सेल्फी लेने की कोशिश कर रहे थे।