बेंगलूरु. मुनि हिमांशु कुमार ने तेरापंथ धर्मसंघ के 264वें स्थापना दिवस के उपलक्ष में आयोजित धर्मसभा में कहा कि संत भीखण ने आचार क्रांति, विचार क्रांति और संगठन क्रांति का बिगुल बजाया। समय के साथ क्रांति का विस्तार हुआ जिसका सुफल है – तेरापंथ। मुनि ने तेरापंथ की स्थापना से जुड़े प्रसंगों का रोचक चित्रण करते हुए कहा कि तेरापंथ आचार्य संत भीखण की सत्य निष्ठा और आगम निष्ठा का परिणाम है । आचार्य ने संघ की स्थापना की, नवीन मर्यादा व्यवस्था प्रदान की और नई पहचान भी दी । मुनि ने कहा कि हमारे भीतर संघ निष्ठा, सत्य निष्ठा, आगम निष्ठा और गुरु आज्ञा के प्रति निष्ठा का भाव पुष्ट होना चाहिए ।
इससे पूर्व मुनि हेमन्त कुमार ने कहा कि धर्मसंघ अपने नियम अनुशासन और मर्यादा के बल पर दुनिया में अपनी विशेष पहचान बनाने में सफल रहा है। मुनि ने कहा कि समय-समय पर संप्रदायवाद की बात सामने आती है जिससे हमें बचने का प्रयत्न करना चाहिए। हमें सदा स्वयं के और दूसरों के कल्याण की भावना रखने का प्रयत्न करना है।