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बैंगलोर

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट : तीन साल में आर्थिक अपराध के मामलों में लगातार वृद्धि

कर्नाटक में हत्याएं बढ़ीं तो इसके कई कारण हैं। हत्या के सबसे अधिक मामलों में आपसी विवाद मुख्य कारण था। इसके बाद व्यक्तिगत प्रतिशोध या दुश्मनी, अवैध संबंध, लाभ और प्रेम संबंध के कारण हत्‍याएं हुईं। पुरुष हत्‍याओं के ज्यादा शिकार हुए।

बैंगलोरDec 06, 2023 / 12:10 am

Sanjay Kumar Kareer

ncrb
बेंगलूरु. राज्य में पिछले तीन साल में आर्थिक अपराधों के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। राज्य में साल 2022 में ऐसे अपराधों की 7,565 एफआईआर दर्ज की गई हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी एक नवीनतम रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक में साल 2020 में आर्थिक अपराध से संबंधित 5,107 मामले और साल 2021 में 6,447 मामले दर्ज किए गए। आंकड़ों से पता चलता है कि 28 राज्यों में से राजस्थान में पिछले साल आर्थिक अपराध के सबसे अधिक मामले (27,848) दर्ज किए गए। इसके बाद तेलंगाना (26,321) और उत्तर प्रदेश (22,409) थे, जबकि कर्नाटक सूची में नौवें स्थान पर था।
कर्नाटक में आर्थिक अपराध के मामलों की दर प्रति एक लाख आबादी पर 11.2 प्रतिशत थी जबकि ऐसे मामलों में आरोपपत्र दाखिल करने की दर 54.1 प्रतिशत थी। आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में आर्थिक अपराधों से संबंधित कुल एफआईआर में से सबसे अधिक 7,073 जालसाजी और धोखाधड़ी के लिए दर्ज की गईं। इसके बाद 461 आपराधिक विश्वासघात से संबंधित और 31 जालसाजी से संबंधित थीं।
साल 2022 में, आर्थिक अपराधों के कुल 195 मामले दूसरे राज्य या एजेंसी को स्थानांतरित कर दिए गए। जबकि यह देखा गया कि 503 एफआईआर में मामले ठोस थे लेकिन या तो अपर्याप्त सबूत थे या पता नहीं चला या कोई सुराग नहीं था।
व्यक्तिगत दुश्मनी और हत्या के मामले बढ़े

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में गत वर्ष हत्या के कुल 1,404 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से अधिकांश विवाद व्यक्तिगत प्रतिशोध या दुश्मनी के कारण थे। राज्य में हत्या के मामले 2021 में 1,357 से बढक़र पिछले साल 1,404 हो गई है। 28 राज्यों में से, हत्या के अधिकतम 3,491 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए, उसके बाद बिहार (2,930) और महाराष्ट्र (2,295) में, जबकि कर्नाटक 2022 में 8 वें स्थान पर था।
एनसीआरबी के अनुसार, कर्नाटक में हत्या की दर प्रति लाख जनसंख्या पर 2.1 थी, जबकि ऐसे मामलों में आरोप पत्र दाखिल करने की दर 90.2 थी, जिसे अपराध डेटा के संग्रह और विश्लेषण का काम सौंपा गया है। साल 2022 में राज्य में हत्या के सबसे अधिक मामलों में 706 मामलों में आपसी विवाद मुख्य कारण था। इसके बाद 353 मामलों में व्यक्तिगत प्रतिशोध या दुश्मनी, 108 मामलों में अवैध संबंध, 59 मामलों में लाभ, 44 मामलों में प्रेम संबंध कारण थे। कुल हत्या के शिकारों में से अधिकांश पुरुष (1,007) थे। आंकड़ों के मुताबिक, 472 महिलाएं थीं और तीन अन्य थे। एनसीआरबी की वार्षिक अपराध रिपोर्ट में डेटा का उल्लेख किया गया है, जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत कार्य करता है।

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