बैंगलोर

मनुष्य जीवन भगवान को पाने के लिए: ठाकुर

श्रीमद् भागवत कथा

बैंगलोरJan 04, 2024 / 07:27 pm

Santosh kumar Pandey

बेंगलूरु. जिस मनुष्य में अहंकार आ जाता है, भगवान उससे अपनी कथा छीन लेते हैं। मनुष्य जीवन भगवान को पाने के लिए मिला है। मनुष्य का दुर्भाग्य यह है कि वह अपने लिए अच्छा चाहता है लेकिन दूसरों का भला नहीं चाहता।यह विचार कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने विश्व शांति सेवा समिति चेरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में पैलेस ग्राउंड के प्रिंसेस श्राइन में भागवत कथा के पहले दिन अहंकार से दूर रहने की प्रेरणा देते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भगवान की सृष्टि में सब के लिए नियम बनाए गए हैं। सभी जीवों को खाना मिलता है मगर मनुष्य को एक विशेष अधिकार मिला है, जो है भगवान को पाना। आज का मनुष्य अपने मन को प्रसन्न करने का प्रयास करता है लेकिन अपनी मुक्ति के लिए कोई कार्य नहीं करता। मनुष्य को उसका पाप ही भगवान और भगवान की कथा से दूर रखता है।
अपने कल्याण के लिए कथा का करें श्रवण

ठाकुर ने कहा कि मनुष्य कथा अपने कल्याण के लिए सुनता है। सच्ची निष्ठा के साथ जब मनुष्य तीर्थ करता है तब उसके पूर्व जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं। जहां श्रीमद् भागवत कथा का पाठ होता है वह सारे तीर्थ के समान होता है। जो मनुष्य तीर्थ करने में असमर्थ होता है तो उस मनुष्य को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। भगवान कहते हैं कि जो मनुष्य श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करता है उसे यश और धर्म की प्राप्ति होता है और उसके सभी पापों का नाश हो जाता है एवं मुक्ति प्राप्त होती है।
इसके पहले मुख्य यजमान जे.के.गुप्ता, पूनम गुप्ता, यजमान संतोष , सह यजमान रामा शर्मा, उत्सव यजमान एवं राज्य के नागरिक आपूर्ति मंत्री के.एच. मुनियप्पा, उनकी पत्नी एम. नागरत्नम्मा, आयोजन समिति सदस्यों संजय अग्रवाल, महेश कुमावत, रतन पाण्डेय, संजय चतुर्वेदी, ओमप्रकाश ठाकुर ने माल्यार्पण कर ठाकुर का स्वागत किया।

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