शोभायात्रा का जगह-जगह लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। वरघोड़े में गेर मंडलों ने भाग लिया। रंग बिरंगी छतरियों से सुसज्जित डांडिया के साथ गेर नृत्य कर रहे सदस्य सभी के आकर्षण का केंद्र रहे। चंग की थाप पर फाल्गुणी गीत गाते गेर मंडल के घेरे में चल रहे सदस्यों ने बाबा रामदेव के गुणों का बखान किया। वरघोड़ा विभिन्न मार्गों से होता हुआ रामदेव प्रार्थना मंदिर पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गया। उसके बाद मंदिर में पूजा-अर्चना व महाआरती की गई।
इस मौके पर बाबा रामदेव की प्रतिमा का श्रृंगार कर नई पोशाक धारण करवाई गई। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ लाभार्थी परिवार की ओर से मंदिर के शिखर पर ध्वजा चढ़ाई गई।संस्था के अध्यक्ष चेतन सीरवी ने स्वागत किया। संरक्षक इन्द्रलाल सोलंकी ने छत्तीस कौम के लोगों के शामिल होने पर खुशी जताई। सचिव पंकज शर्मा ने विचार व्यक्त किए। रामदेव प्रार्थना मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य दीपक राठौड़ के सान्निध्य में पूजा-हवन आदि कार्यक्रम संपन्न हुए।
भजन गायकों ने सजाया भक्ति भाव इससे पूर्व संध्या को आयोजित भजन संध्या में बेंगलूरु के भजन गायकों ने प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। भक्तिमय भजनों से माहौल धर्ममयी हो गया। कार्यक्रम में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों एवं चढ़ावों के लाभार्थियों का ट्रस्ट की ओर से सम्मान किया गया।
इस मौके पर सरक्षंक पुखराज मेहता, राजेश पारीक, रमेश चावत, सोहन सिंह एवं मंडल के सलाहकार सदस्य भानाराम गहलोत, देवी सिंह राजपुरोहित, भंवरलाल गहलोत आदि मौजूद रहे।