उपमुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया और पहली बार आज चन्नपट्टण में राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिसे राजनीतिक अर्थों से देखा जा रहा है। इसकी वजह भी साफ है क्योंकि शिवकुमार, न तो चन्नपट्टण के विधायक हैं, न रामनगर जिले के प्रभारी मंत्री हैं। वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। चन्नपट्टण तालुक रामनगर जिले के अंतर्गत आता है, जिसका नाम हाल ही में बदलकर बेंगलूरु दक्षिण जिला कर दिया गया है।
नेलमंगला में पत्रकारों ने डीके शिवकुमार से सवाल पूछा कि चन्नपट्टण से कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा, तो उन्होंने कहा, मैं उम्मीदवार हूं। उन्होंने इस बारे में और कुछ नहीं बताया। इससे पहले भी उन्होंने इस बात के पर्याप्त संकेत दिए थे कि वे इस क्षेत्र से उपचुनाव लड़ सकते हैं। शिवकुमार वर्तमान में पड़ोसी कनकपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
चन्नपट्टण में उपचुनाव इसलिए होना है क्योंकि आम चुनाव में जद-एस नेता और अब केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी के लोकसभा में चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। इस विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव कार्यक्रम की घोषणा अभी चुनाव आयोग द्वारा नहीं की गई है।
हालांकि पहले चर्चा थी कि शिवकुमार के भाई और पूर्व सांसद डीके सुरेश को कांग्रेस चन्नपट्टण से मैदान में उतार सकती है, लेकिन राजनीतिक हलकों, खासकर कांग्रेस में अटकलें लगाई जा रही थीं कि उपमुख्यमंत्री अपने भाई की हार का बदला लेने और क्षेत्र में अपना दबदबा फिर से स्थापित करने के लिए खुद मैदान में उतर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, अगर शिवकुमार चन्नपट्टण से चुनाव लड कर जीतते हैं, तो वे सुरेश के लिए अपनी वर्तमान सीट खाली कर सकते हैं।