बीएमआरसीएल ने १८ जून २०१७ को नागसंद्रा-येलचनहल्ली ग्रीनलाइन पर चिकपेट मेट्रो स्टेशन खोला था। उस समय भी बीएमआरसीएल ने मात्र एक ही गेट यात्रियों की आवाजाही के लिए खोला था। अब करीब पौने दो साल गुजरने के बावजूद निगम तीनों गेट को नहीं खोल सका है। हाल ये है कि चिकपेट मेट्रो स्टेशन के तीनों गेट अतिक्रमण की चपेट में हैं। फल व्यापारियों ने मेट्रो स्टेशन की सीमा में अपना सामान रख रखा है। जो प्रवेश द्वार खोला गया है उसके सामने भी ठेले खड़े हैं। बाहरी अनजान व्यक्ति चाहकर भी बिना पूछे मेट्रो स्टेशन तक नहीं पहुंच सकता है।
स्टेशन पर वाहन पार्किंग का अभाव
शहर के सभी मेट्रो स्टेशन के आसपास वाहनों के पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है जबकि चिकपेट मेट्रो स्टेशन के पास खाली स्थान होने के बावजूद पार्किंग की सुविधा नहीं है। लोग यहां अपने वाहन खड़ा कर मेट्रो का सफर नहीं कर सकते हैं।
शहर के सभी मेट्रो स्टेशन के आसपास वाहनों के पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है जबकि चिकपेट मेट्रो स्टेशन के पास खाली स्थान होने के बावजूद पार्किंग की सुविधा नहीं है। लोग यहां अपने वाहन खड़ा कर मेट्रो का सफर नहीं कर सकते हैं।
नहीं है प्रसाधन की सुविधाएं
मेट्रो स्टेशन के आसपास प्रसाधन सुविधा नहीं होने से लोगों को खुले में ही लघुशंका करते देखा जा सकता है। बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका भी चिकपेट के व्यापारियों को सुविधा उपलब्ध कराने में अब तक नाकाम रहा है। हाल ये है कि चिकपेट क्षेत्र में सडक़ें टूटी हैं, लेकिन बीबीएमपी की नींद नहीं खुल रही हे। जबकि यहां के व्यापारी वर्ग बीबीएमपी को पूरा सहयोग करने को भी तैयार हैं। चिकपेट मेट्रो स्टेशन के आसपास फल व सब्जी विक्रेताओं द्वारा गंदगी सडक़ पर ही फेंके जाने से दुर्गंध रहती है। बीएमआरसीएल व बीबीएमपी का इस ओर कोई ध्यान नहीं रहता है।
मेट्रो स्टेशन के आसपास प्रसाधन सुविधा नहीं होने से लोगों को खुले में ही लघुशंका करते देखा जा सकता है। बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका भी चिकपेट के व्यापारियों को सुविधा उपलब्ध कराने में अब तक नाकाम रहा है। हाल ये है कि चिकपेट क्षेत्र में सडक़ें टूटी हैं, लेकिन बीबीएमपी की नींद नहीं खुल रही हे। जबकि यहां के व्यापारी वर्ग बीबीएमपी को पूरा सहयोग करने को भी तैयार हैं। चिकपेट मेट्रो स्टेशन के आसपास फल व सब्जी विक्रेताओं द्वारा गंदगी सडक़ पर ही फेंके जाने से दुर्गंध रहती है। बीएमआरसीएल व बीबीएमपी का इस ओर कोई ध्यान नहीं रहता है।
अधिकारियों को पता ही नहीं
बीएमआरसीएल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी यशवंत चव्हाण से इस संबंध में बात करने पर उन्होंने तीन गेट बंद होने के बारे में अनभिज्ञता जताई और संबंधित अधिकारियों से जानकारी लेने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया। इससे पता चलता है कि बीएमआरसीएल को जनता की समस्याओं के बारे में कितनी परवाह है।
बीएमआरसीएल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी यशवंत चव्हाण से इस संबंध में बात करने पर उन्होंने तीन गेट बंद होने के बारे में अनभिज्ञता जताई और संबंधित अधिकारियों से जानकारी लेने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया। इससे पता चलता है कि बीएमआरसीएल को जनता की समस्याओं के बारे में कितनी परवाह है।