10वीं-12वीं में लड़कियों ने लड़कों को दी एकतरफा मात, देखें किस टॉपर को मिले कितने अंक
अनुराधा के पिता रामचंद्र कपड़े की फेरी लगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उनके तीन बच्चे हैं। एक बेटी और दो बेटे। पिता रामचंद्र का कहना है कि हमारी बेटी रोजाना स्कूल जाकर पढ़ाई करती थी और आज उसने परिवार का मान बढ़ाया है।
अनुराधा ने बताया कि महत्वपूर्ण प्रश्न अधिक तैयार किये, जो पिछली इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में बार-बार पूछे जा रहे थे। वह अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरुजनों को देती हैं और आगे यूपीएससी की तैयारी कर आईएएस बनना चाहती हैं। यदि उन्हें समाजसेवा का मौका मिला तो वे उन बच्चों को शिक्षित करने में सहयोग करेंगी, जो मेधावी हैं लेकिन संसाधनों की कमी से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
अनुराधा गुप्ता ने कहा, “मैं स्टूडेंट्स को यही भी बताना चाहती हूं कि ज्यादा से ज्यादा कंटेंट पढ़े, जिससे आगे परीक्षा में कठिनाई नहीं होगी। मैंने बगैर कोचिंग के ज्यादा से ज्यादा कंटेंट पढ़कर परीक्षा पास की है।