CG Dussehra 2024: दशहरा मैदान में रामलीला मंचन के बाद किया जाएगा दशानन का वध
CG Dussehra 2024: रावण दहन कार्यक्रम में पहले पुरानी बस्ती के रामलीला मंडली द्वारा राम और रावण के बीच युद्ध प्रसंग का मंचन होगा। इस बार लंकापति रावण का गेटअप विशेष रूप से पंडित शैली का होगा, जिसमें वह खुले शरीर जनेऊ धारण किए होंगे। यह कार्य रमाकांत पांडेय और उनकी टीम द्वारा किया जा रहा है। उत्सव समिति के अध्यक्ष रमेश सोनी, उपाध्यक्ष पनीश केसरवानी, सचिव आकाश सोनी और अन्य सदस्य युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटे हैं। इस बार की आतिशबाजी भी विशेष रूप से तैयार की गई है, जिससे दर्शकों को एक अद्वितीय अनुभव मिलेगा।
CG Dussehra 2024: दशहरा उत्सव की भव्यता को देखते हुए पुलिस विभाग ने भी अपनी तैयारियां तगड़ी राी है। इस साल कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए पुलिस बल दोगुना किया गया है। 100 से अधिक पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। कार्यक्रम के दौरान चौक-चौराहों पर 4-4
पुलिसकर्मियों की एक-एक टीम तैनात रहेगी। शाम 4 बजे के बाद से शहर के मुख्य मार्ग पर चार पहिया वाहनों की इंट्री बंद हो जाएगी। सुरक्षा के दृष्टिकोण से कार्यक्रम स्थल पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे, जिनकी निगरानी के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। इसके अलावा कार्यक्रम स्थल पर एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड भी तैनात रहेंगी, ताकि किसी भी आपात स्थिति में फौरी राहत पहुंचाई जा सके।
रामलीला का आयोजन आज
वहीँ छत्तीसगढ़ के नवापारा शीतला पारा स्थित रावणभाटा में आज पारपरिक दशहरा पर कुहारपारा की रामलीला मंडली द्वारा रामलीला का आयोजन किया जाएगा। रामलीला का मंचन सीता हरण से शुरू होगा। शीतला पारा में होने वाली ये पारपरिक दशहरा रेखराज चतुर्भुज, राधा कृष्ण मदिर के द्वारा आयोजित होती है।
रामलीला का मंचन कुहार पारा के हमारे पूर्वजों दवारा निभाई जाती आ रही है।
रावण का पात्र निभाने वाले स्वर्गीय मन्नू चक्रधारी का इसमें विशेष योगदान रहा है। आज इस राम लीला को जीवित रखने में केयूरभूषण चक्रधारी का यथासभव प्रयास है। रावण बनाते आ रहे चेतन चौहान ने बताए कि जब तक मेरा शरीर साथ देता रहेगा तब तक रावण का भूमिका निभाता रहूंगा। मुझे रावण का अभिनय निभाने में मेरे शरीर की अहम भूमिका रही है।
पूरे शहर को न्यौता…
आयोजन समिति ने बलौदाबाजारवासियों को आमंत्रित किया है कि वे इस खास अवसर पर परिवार और मित्रों के साथ आएं और असत्य पर सत्य की जीत का जश्न मनाएं। यह पर्व न केवल धार्मिक है, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है। सदस्यों ने कहा,
बलौदाबाजार के लोग इस पर्व का इंतजार सालभर करते हैं। इस बार के आयोजन को भव्य और यादगार बनाने के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।