scriptठंड में दिल और अस्थमा के मरीज बढ़े, पूर्व सिविल सर्जन व लिपिक की अटैक से मौत | अलर्ट रहने की जरूरत: निजी व जिला अस्पताल में सीने में दर्द व अस्थमा के 40 मरीज आ चुके | Patrika News
बालोद

ठंड में दिल और अस्थमा के मरीज बढ़े, पूर्व सिविल सर्जन व लिपिक की अटैक से मौत

उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवा के कारण जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड का असर दिल के मरीजों पर भी पड़ रहा है। निजी व जिला अस्पताल में हार्टअटैक व अस्थमा के रोगियों की संख्या भी ज्यादा आ रही है।

बालोदDec 18, 2024 / 11:33 pm

Chandra Kishor Deshmukh

उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवा के कारण जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड का असर दिल के मरीजों पर भी पड़ रहा है। निजी व जिला अस्पताल में हार्टअटैक व अस्थमा के रोगियों की संख्या भी ज्यादा आ रही है।
उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवा के कारण जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ठंड का असर दिल के मरीजों पर भी पड़ रहा है। निजी व जिला अस्पताल में हार्टअटैक व अस्थमा के रोगियों की संख्या भी ज्यादा आ रही है। बुधवार को न्यूनतम तापमान 11 डिग्री दर्ज किया गया। दो दिन पहले जिले का न्यूनतम तापमान 9 डिग्री था।

ठंड से मौत होने की आशंका

सोमवार व मंगलवार रात्रि ग्राम पंचायत देवारभाट के गश्तीटोला में राजकुमार ठाकुर नामक व्यक्ति की ठंड से मौत होने की जानकारी पटवारी ने तहसीलदार आशुतोष शर्मा को दी, लेकिन जांच के पहले ही परिवार वालों ने अंतिम संस्कार कर दिया, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। हालांकि बताया जा रहा है कि वह शाम से सुबह तक खुले में सोया हुआ था।
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हार्टअटैक के मरीज को किया रेफर

बुधवार को जिला अस्पताल में हार्टअटैक के एक मरीज आए जिसे रेफर किया गया। वहीं अस्थमा के मरीज प्रतिदिन जिला अस्पताल में आ रहे हैं, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है। जिले के निजी व जिला अस्पताल को मिलाकर देखें तो ठंड में सीने में दर्द व अस्थमा के लगभग 40 से ज्यादा मरीज आ चुके हैं। हार्ट अटैक के भी 10 मरीज आ चुके हैं। वहीं जिला अस्पताल में कार्यरत रहे पूर्व लिपिक व पूर्व सिविल सर्जन की भी दुर्ग में हार्ट अटैक से मौत हो गई।
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ठंड में नसें और मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं

डॉक्टरों की मानें तो सीने में दर्द (हार्ट अटैक) व अस्थमा के मरीजों की संख्या बढऩे का प्रमुख कारण सर्दी व ठंड के दिनों में हाथ पैर की नसे व मांसपेसियां सिकुडऩे लगती है, जिससे खून का दौरा भी कम होता है। इसके कारण सीने में दर्द, हार्ट की समस्या व अस्थमा रोगियों की संख्या बढ़ जाती है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि हार्ट के मरीज का अधिक ध्यान रखें। ज्यादा ठंड में बाहर न निकलने कहे, गर्म कपड़ों का सहारा लें।

सांस लेने में तकलीफ के ज्यादा केस आ रहे

जिला अस्पताल में भी अस्थमा रोगियों की संख्या बढ़ गई है। कड़ाके की ठंड के कारण सांस लेने में तकलीफ हो रही है। जिला अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. रविशंकर भगत ने कहा कि जिला अस्पताल में सबसे ज्यादा केस अस्थमा के आ रहे हैंं। हार्टअटैक के कुछ मामले आ रहे हैं, उन्हें बेहतर इलाज कराने की सलाह दे रहे हैं।

पूर्व सिविल सर्जन डॉ. केसरवानी और लिपिक की हार्ट अटैक से मौत

जिला अस्पताल बालोद में कार्यरत रहे दो अधिकारी एक पूर्व सिविल सर्जन डॉ. एसपी केसरवानी व एक लिपिक एके उइके की दुर्ग में हार्टअटैक से मौत हो गई। डॉ. केसरवानी की एक सप्ताह पहले व उइके को हाल ही में जिला अस्पताल से सेवानिवृत्त होने पर विदाई दी गई थी। अब उनकी मौत की खबर आई।

ठंडे भोजन से करें परहेज, गर्म भोजन ही खाएं

डॉक्टरों के मुताबिक कई घरों में ऐसा होता है कि जल्दी खाना बनाकर कर रख देते हैं। खाना ठंड की वजह से अत्यधिक ठंडा हो जाता है। बुजुर्गों के अलावा हर वर्ग को इस ठंड के मौसम में गर्म भोजन ही करना चाहिए।

हार्ट अटैक के यह है लक्षण

छाती में दर्द, घबराहट होना, सांस लेने में तकलीफ आना, पसीना आना। यह सभी लक्षण हार्ट अटैक के होते हैं। ऐसे में लोगों को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। वहीं बीपी और ईसीजी करा लेना चाहिए।
हार्टअटैक से बचने यह करें उपाय
मार्निंग वॉक पर जल्दी न निकलें।
धूप निकलने के बाद ही सर्दी के कपड़े पहनकर घर से निकले।
खान-पान का विशेष ध्यान रखें।
ताजा और गर्म खाना ही खाएं।
कोई समस्या आती है, तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
शराब का सेवन न करें।
नियमित बीपी की दवा खाते रहना चाहिए।
ठंड में ज्यादा बाहर नहीं निकलें।

ठंडे भोजन से परहेज करें

स्वास्थ्य संचय अस्पताल बालोद के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप जैन ने कहा कि
ठंड बढऩे के साथ हार्ट अटैक, अस्थमा, सीने में दर्द के मरीज ज्यादा आते हंै। पूर्व में जिसे हार्ट अटैक आ चुका है, वह ज्यादा सावधानी बरतें। इससे बचने नियमित चेकअप करवाएं। अत्यधिक ठंड में बाहर न निकलें। ताजा व गर्म भोजन ही करें, ठंडे भोजन से परहेज करें।

ज्यादा ठंड हो तो मॉर्निंग वॉक पर न निकलें

जिला अस्पताल बालोद के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. रविशंकार भगत ने कहा कि ठंड की वजह से जिला अस्पताल में अस्थमा के रोगी ज्यादा आ रहे हैंं। ठंड में सावधानी बरतने की जरूरत है। इसमें हर वर्ग के लोग शामिल हैं। ज्यादा ठंड हो तो मॉर्निंग वॉक पर न निकलें। धूप खिलने का इंतजार करें। ठंड में सावधानी बहुत जरूरी है।

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