scriptठान लिया था सो करके दिखाया, बंजर भूमि पर हरियाली की चादर बिखेर इस गांव के लोगों ने सरकार को आईना दिखाया | Balod : Tree plantation in Balod | Patrika News
बालोद

ठान लिया था सो करके दिखाया, बंजर भूमि पर हरियाली की चादर बिखेर इस गांव के लोगों ने सरकार को आईना दिखाया

ग्राम भेजामैदानी की बंजर जमीन पर किया जा रहा है, जहां अब पौधे पेड़ बनने की ओर है जहां हरियाली लहलहा रही है।

बालोदNov 23, 2017 / 11:27 am

Dakshi Sahu

Balod
बालोद /गुरुर. अगर ठान लिया जाए तो पत्थर में भी हरियाली छा सकती है। इसके लिए ईमानदार प्रयास, कड़ी मेहनत और सामूहिक सहयोग आवश्यक है। ऐसा ही एक प्रयास ग्राम भेजामैदानी की बंजर जमीन पर किया जा रहा है, जहां अब पौधे पेड़ बनने की ओर है जहां हरियाली लहलहा रही है। मात्र तीन माह की मेहनत में ही पौधों ने विकास करना प्रारंभ कर दिया है।
ग्राम भेजामैदानी में मनरेगा के तहत ढाई एकड़ भूमि में अगस्त 2017 में पौधारोपण किया गया था, जहां पौधा लगाया गया है वह भूमि कड़ी मुरुम एवं दीमक से भरी हुई है। जहां पौधों को जीवित रखना ही बहुत बड़ी चुनौती थी, लेकिन पंचायत ने इस चुनौती को स्वीकार कर ढाई एकड़ में आम, जाम, आंवला, कटहल, चीकू जैसे 40 प्रजाति के फलदार पौधे लगाए हंै। तीन माह में ही पौधों में विकास प्रारंभ हो गया है। कई पौधे पांच फीट से ऊपर हो चुके हैं। कुछ में तो फल भी आने लगे हैं।
ग्रामीणों के साथ पंचों ने की कड़ी मेहनत
ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक का पद रिक्त है। बिना रोजगार सहायक के पंचायत के पंच कृष्णमुरारी यादव रोजगार सहायक का पूरा दायित्व बिना पारिश्रमिक के संभाल रहे हैं। उपसरपंच जाकिर मोह?मद, पंच प्रेमलता, रूखमणी शेषराम, ज्योति खेमलाल, राकेश, देवप्रसाद, कीर्ति सहित आश्रित ग्राम नवागांव के पंच रीना बारो, फूले एवं रामकुमार नेताम ने इन पौधों को संजोने, जीवित रखने कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
कंधों पर दूर से पानी लाकर सींचते हैं पौधे
जहां पौधारोपण हुआ है, वहां तकनीकी कारणों से पानी की व्यवस्था नहीं है। दूर से पानी लाकर पौधों को सिंचना पड़ता है। उसके बाद भी पंचों व ग्रामीणों ने हार नहीं मानी और साइकिल, कंधों पर पानी ढोकर पौधों को सूखने से बचाया है। पंचायत यहां सौर ऊर्जा चलित ट्यूबवेल लगाने का विचार बना रही है। पंचायत के पंचों ने जहां पौधे लगाए हंै वहां आकर्षक उद्यान की व्यवस्था भी की है।
यहां हट (चबूतरा) का निर्माण कराया है जहंा आगंतुक बैठकर जंगल सफारी जैसा आनंद महसूस कर सकेंगे। प्रवेश द्वार को भी आकर्षक तरीके से फलदार पौधों से लाइनिंग की है जो बरबस ही राहगीरों को आकर्षित कर रहा है। हरियाली एवं सुन्दरता के कारण यह बंजर जमीन लोगों के लिए सैरगाह बन गया है। सरपंच कविता देवप्रसाद यादव ने बताया कि पंचों की मेहनत व ग्रामीणों के सहयोग से बंजर दीमकयुक्त भूमि में पेड़ खड़ा किया जा रहा है।
अब इसका विस्तार करने की योजना है जिससे भविष्य में यह पंचायत के आय का बड़ा माध्यम बने। पंचायत ने जितनी ईमानदारी से इस पर मेहनत की है उससे यह अन्य लोगों के लिए उदाहरण बनता जा रहा है। कुछ लोगों ने इस मॉडल को अपने क्षेत्र में अपनाने की बात स्वीकारते हुए कहा है पौधारोपण के साथ थोड़ी सी अतिरिक्त मेहनत से यह स्थल एक पर्यटन के रूप में विकसित हो रहा है।
पंचायत ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए यहां ऐसे पौधे लगाए हैं जो बड़े होकर आय का माध्यम बनेगा। फलों को इस प्रकार चुना गया है कि बारहों महीने किसी ना किसी फल से यहां आमदनी होती रहेगी। जल्द लाभ लेने के लिए यहां पपीता जैसे पौधे लगाए गए हैं। पेड़ों के बड़ा होने के बाद फलों से पंचायत को प्रतिवर्ष हजारों रुपए की आमदनी होगी।

Hindi News / Balod / ठान लिया था सो करके दिखाया, बंजर भूमि पर हरियाली की चादर बिखेर इस गांव के लोगों ने सरकार को आईना दिखाया

ट्रेंडिंग वीडियो