प्रशिक्षु उप निरीक्षक सुमित त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने कर्तव्य के प्रति उदासीनता,अकर्मण्यता और अनुशासनहीनता बरती है। वहीं आरक्षी रामसागर निषाद पर आरोप है कि उन्होंने स्थानीय जनता के साथ दुर्व्यवहार किया जिससे आमजन में पुलिस की छवि धूमिल हुई है। इसके अलावा उन पर भी कर्तव्य के प्रति लापरवाही और अनुशासनहीनता के भी आरोप लगे हैं।
इन सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए और पुलिस विभाग में अनुशासन को बनाए रखने हेतु पुलिस अधीक्षक ने इन दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।