समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने तहसीलवार इ-केवायसी, तरमीम के बारे में जानकारी ली। कटंगी, बैहर बिरसा, परसवाड़ा तहसीलो को छोडकऱ अन्य तहसीलों की निराशाजनक प्रगति पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट देखने से लग रहा है कि राजस्व अधिकारियों की अभियान को लेकर कोई खास रणनीति नहीं है। शासन के सर्वोच्च कार्य में ऐसी स्थिति बर्दास्त करने योग्य तो नहीं है। मुश्किल प्रकरणों को आधार बनाकर काम टालने के प्रयास किसी भी स्तर से हो रहे है तो बंद करना होगा। उन्होंने पहले तहसीलदारों से फिर एसडीएम से कार्य नहीं होने पर पटवारियों पर की गई कार्यवाही की जानकारी ली।
समीक्षा के दौरान कलेक्टर मीणा ने कहा कि अभियान का महत्व सार्थक करना है। इसके लिए हर हाल में प्रगति लानी ही होगी। अगर इस बात को आधार बनाया जा रहा है कि जिले में बंदोबस्त पुराना है तो ऐसा प्रदेश के अधिकांश जिलों में यही स्थिति है। अधिकारी अपनी प्रशासनिक क्षमता का आंकलन करें और प्लानिंग करें। लांजी एसडीएम प्रदीप कौरव ने बताया कि तहसील के 10 पटवारियों पर प्रगति नहीं आने पर एक-एक वेतनवृद्धि रोकी गई है। जबकि बालाघाट एसडीएम सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि बालाघाट में 11 और लामता के 9 पटवारियों की एक-एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है।
कलेक्टर मीणा ने जिले की वर्तमान रैंकिंग को ध्यान में रखते हुए जिले के सभी पटवारियों के लिए प्रतिदिन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब प्रति हल्के में प्रति पटवारी प्रति दिन 50-50 इ-केवायसी और तरमीम उठाने की कार्यवाही करेंगे। जिले में कुल पटवारी 598 है इनमें 316 ऑन ड्यूटी पर है जबकि बाकी ट्रेनिंग पर है।