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बालाघाट

धान के अवैध परिवहन को रोकने फिक्रमंद नहीं जिम्मेदार

पहले जांच नाका खोलने में देरी, अब नियुक्त विभागों का नहीं मिल रहा सहयोग

बालाघाटJan 13, 2025 / 12:07 pm

mukesh yadav

पहले जांच नाका खोलने में देरी, अब नियुक्त विभागों का नहीं मिल रहा सहयोग

पहले जांच नाका खोलने में देरी, अब नियुक्त विभागों का नहीं मिल रहा सहयोग

बालाघाट. जिले के बाहर अवैध रूप से धान के परिवहन को रोकने जिम्मेदार फिक्रमंद नजर नहीं आते हैं। तभी तो कलेक्टर के निर्देश के बावजूद पहले जांच नाका शुरू करने की लेटतलीफी की गई। अब जांच नाका शुरू कर दिया गया तो जांच में पदस्थ किए गए विभिन्न विभागों में कुछ विभाग के जिम्मेदार ड्यूटी पर तैनात नहीं हो रहे हैं। धान के अवैध परिवहन के मामले में जांच नाका शुरू कर औपचारिकताएं निभाए जाने जैसा प्रतीत हो रहा है।
जानकारी के अनुसार जिले के बार्डर क्षेत्र खैरलांजी खैरी, मोवाड़ सहित अन्य चेक पोस्ट से धान उपार्जन के दौरान धान का अवैध परिवहन ना हो इसके लिए कलेक्टर मृणाल मीणा ने 27 नवंबर 2024 को आदेश जारी कर चेक पोस्ट प्रभारियों की नियुक्ति की। चेक पोस्ट प्रभारी क्षेत्र के तहसीलदार और थाना प्रभारियों को नियुक्त किया गया। आदेश में यह भी स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि धान उपार्जन प्रारंभ 2 दिसंबर 24 से 20 जनवरी 25 तक चेक पोस्ट पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए। इनमें पुलिस आरक्षक, वन रक्षक, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, मंडी सहायक उप निरीक्षक, कोटवार की ड्यूटी बारी-बारी से लगाई जाए। ताकि 24 घंटे निगरानी हो सकें।
सामने आ रही लापरवाही
जानकारी के अनुसार कलेक्टर के निर्देश के बाद भी चेक पोस्ट नाका शुरू करने में लेट लतीफी की गई। कलेक्टर ने 27 नवंबर को आदेश जारी किए थे। लेकिन बार्डर क्षेत्र खैरी और मोवाड़ में एक से डेढ़ माह बाद 8 जनवरी 25 को चोक पोस्ट शुरू किए गए। अब इन नाकों में संबंधित विभागों के कर्मचारी भी ड्यूटी पर पदस्थ नहीं किए गए हैं। बल्कि पंचायत कर्मी फारेस्ट गार्ड के सहयोग से नाकों में ड्यूटी कर रहे हैं। अन्य विभागों के कर्मचारी पदस्थ नहीं किए जाने से इन कर्मचारियों में भी कार्य को लेकर गंभीरता दिखाई नहीं देती है। वे अब भी खासकर पुलिस विभाग से कर्मचारी की तैनाती की राह देख रहे हैं।
पुलिस विभाग से नहीं मिले आदेश
इस मामले में खैरलांजी थाना प्रभारी रामसिंह पटेल से बात की गई। उनका कहना रहा कि हमें ऐसा कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। इसी तरह प्रभारी तहसीलदार छवि पंत ने पूरे मामले से अनभिग्यता जाहिर करते हुए हालकि में उनकी पदस्थापना होने की बात कही।
नाकों में स्टॉफ की खल रही कमी
जनपद अध्यक्ष आशु बघेले के अनुसार वे 8 जनवरी को महाराष्ट्र की ओर जा रहीं थी। तब उन्होंने देखा कि नाकों पर जितने कर्मचारी होने चाहिए उतने उपस्थित नहीं रहते हैं। एक वाहन को रोककर तहसीलदार को भी अवगत करवाया गया था। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ड्यूटी के दौरान पुलिस का भी एक आरक्षक होना जरूरी है। आदेश होने के बाद भी अधिकारी आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में वे कलेक्टर से बात भी करेंगी।
इनका कहना है।
7 जनवरी से हमारी ड्यूटी लगाई गई है। 8 जनवरी से नाका स्थापित किया गया है। सुरक्षा के लिहाज से शाम और रात का समय होने के कारण हमारे साथ ड्यूटी में एक पुलिस जवान का होना अति आवश्यक है।
कमलेश बंडे, ग्राम रोजगार सहायक खैरी
हमें नाके में रहकर कृषि ऊपज की जांच करने हेतु कोई आदेश वरिष्ठ अधिकारी से प्राप्त नहीं हुए हंै। हम वनोपज की जांच भर कर सकते हंै। यहां से धान से लोड वाहन और अन्य वाहन परिवहन करते रहते हंै।
आरसी रावते, वनपाल
नाके पर धान परिवहन कर रहे एक वाहन को रोका गया था। उपज और परिवहन से संबंधित दस्तावेज चालक के पास पाए गए हंै। पालन प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा गया है।
अश्विन देशमुख, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी

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