पोला पर्व को लेकर बाजार में लकड़ी और मिट्टी के घुड़ले (बैल-नंदी) की दुकानें लगी नजर आई। किसानों ने अपने बच्चों के लिए नंदी के प्रतीक इन खिलौनों की खरीदी कर उन्हें देते हैं। इनकी भी पूजा अर्चना की जाती है। वहीं पोला पर्व के दूसरे दिन नारबोद मार्बत का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नारबोद के पुतले को शहर भ्रमण कराने के बाद शहर की सीमा के बाहर दहन किए जाने की परंपरा है।
पोला पर्व को लेकर बाजार में लकड़ी और मिट्टी के घुड़ले (बैल-नंदी) की दुकानें लगी नजर आई। किसानों ने अपने बच्चों के लिए नंदी के प्रतीक इन खिलौनों की खरीदी कर उन्हें देते हैं। इनकी भी पूजा अर्चना की जाती है। वहीं पोला पर्व के दूसरे दिन नारबोद मार्बत का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नारबोद के पुतले को शहर भ्रमण कराने के बाद शहर की सीमा के बाहर दहन किए जाने की परंपरा है।