किसानों ने बताया खेत में महंगा बीज डालना पड़ता है। अतिवृष्टि के कारण कीट प्रकोप बढ़ गया है। यही कारण है कि तना छेदक के कारण बालिया सूख रही है। कटवा रोग के कारण धान की बालियां टूट-टूट के गिर रही है। किसानों को काफी नुकसानों का सामना करना पड़ रहा है। यही स्थिति पूरे बिरसा तहसील में बनी हुई है।
किसानों ने बताया कि इस बार किसानों ने जितनी लागत खर्च कर फसलें लगाई थी, उसकी अपेक्षा उत्पादन बहुत कम दिखाई दे रहा है। गुणवत्ता प्रभावित होने के कारण इस बार समर्थन मूल्य में भी फसलें शायद नहीं खरीदी जाएगी। कृषि लाभ का धंधा न होकर हानि वहन करनी पड़ रही है। किसानों ने मांग की है कि प्रभावित फसलों का शीघ्र सर्वे शुरू कर क्षति का आंकलन कर मुआजवा प्रदान किया जाएगा।
किसानों को यदि किसी तरह की समस्याएं आ रही है तो वे आवेदन कर सकते हैं। कीट व्याधी के प्रकोप से फसलों को बचाने समय समय पर सुझाव भी जारी किए जाते रहे हैं।
राजेश खोब्रागड़े, डीएमओ बालाघाट