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बालाघाट

सरकारी लापरवाही, बेखौफ बचपन, नक्सलियों के बीच खुले में चल रही पाठशाला

बात आखिर बच्चों के भविष्य की है… बालाघाट के गांव में सालभर से अधूरा पड़ा है भवन का काम, पक्की सड़क भी नहीं, 2019-20 में मंजूर हुआ… तब से इतना ही बना

बालाघाटDec 24, 2023 / 03:19 pm

Sanjana Kumar

जिले के लांजी क्षेत्र में है अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित वन ग्राम धीरी। यहां शासकीय प्राथमिक शाला के बच्चे बिना स्कूल भवन के पढ़ाई को मजबूर हैं। यानी क्लास खुले में लग रही हैं। पहली से पांचवीं तक के कक्षाओं में महज आठ विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए एक शिक्षिका और एक अतिथि शिक्षक तैनात हैं। स्कूल भवन का काम सालभर से अधूरा पड़ा है। प्राचार्य का कहना है कि वे मामले में कलेक्टर और डीईओ से चर्चा करेंगे। यह प्राइमरी स्कूल शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला संकुल के अंतर्गतआता है। बारिश के दिनों में कक्षाएं गांव के ही किसी के घर संचालित होती है।

पांचवीं के बाद विराम

गांव तक पहुंचने के लिए आवागमन के साधन नहीं हैं। पक्की सड़क भी नहीं है। महिला शिक्षिक को गांव पहुंचने के लिए करीब 25 किमी का मुश्किल सफर तय करना पड़ता है। पांचवीं पास होने के बाद बच्चों के परिजन उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए बाहर नहीं भेजते। स्कूल भवन 2019-20 में स्वीकृत हुआ था। निर्माण कार्य भी शुरू किया गया। कुछ काम होने के बाद सालभर पहले काम बंद कर दिया गया। कक्षाओं का संचालन कभी खुले में तो कभी किसी के घर में किया जा रहा है। भवन निर्माण के लिए अभी तक के प्रयास असफल रहे।

 

भवन का काम प्लंथ लेवल तक होने के बाद बंद कर दिया गया। एक साल से निर्माण कार्य बंद है। अब कलेक्टर, डीईओ से चर्चा कर समस्या का निराकरण करेंगे।

– टीडी लिल्हारे, संकुल प्राचार्य

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