जानकारी के अनुसार वैनगंगा नदी के तेजी से कम होते जल स्तर को लेकर पत्रिका ने अपने 11 जनवरी के अंक में शहर में इस वर्ष गहरा ना जाए जलसंकट शीर्षक से खबर का प्रमुखता से प्रकाशन कर नपा का इस ओर ध्यानाकर्षण करवाया था। वहीं वर्ष 2017 में शहर में बनी जलसंकट की स्थिति का उदाहरण देकर शीघ्रता से वैनगंगा नदी के पानी को रोकने समाचार प्रकाशित किया था। अब नपा ने डेम बनाकर पानी रोकने का कार्य प्रारंभ कर दिया है।
पानी रोकने लगाई जा रही प्लेट
छोटे पुलिया पर पानी रोकने डेम बना रहे कर्मचारियों ने बताया कि प्रतिवर्ष इस सीजन में छोटे पुलिया पर डेम बनाया जाता है। ताकि पानी में पर्याप्त पानी बचा रहे और गर्मी के दिनों में नपा फिल्टर प्लांट से पानी सप्लाई कर सकें। बताया गया कि छोटे पुलिया के नीचे 452 प्लेट लागकर पानी को आगे बहने से रोका जा रहा है। पिछले वर्ष 16 जनवरी को डेम बनाया गया था। इस वर्ष 27 जनवरी से कार्य प्रारंभ किया गया है। कुछ दिन में डेम बनरकर तैयार हो जाएगा।
नपाध्यक्ष ने कहा कि जल संरक्षण करना केवल नपा या किसी संस्थान की जवाबदेही नहीं बल्कि आम नागरिकों को भी इसे लेकर प्रयास करना चाहिए। जल संरक्षण के महत्व तथा पानी की उपयोगिता को समझना होगा। उन्होंने बताया कि नपा बालाघाट द्वारा शहरवासियों को वर्ष 2024 में उतना जलप्रदाय किया जा रहा है, जितना कि वर्ष 2035-2040 में आवश्यकता होगी। उन्होंने नगरवासियों से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जरूर लगाने का आग्रह किया। ताकि भूजल स्तर बढ़ा सकें।
वर्सन
वैनगंगा नदी के छोटे पुल पर डेम बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। ताकि ग्रीष्मकालीन समय में शहर में पेयजल सप्लई हो सकें। जितना उपयोग हो उतना ही जल का इस्तेमाल करें और अनावश्यक नलों को खुला छोडकऱ पानी की बर्बादी होने से रोके। ताकि भविष्य में जलसंकट की स्थिति निर्मित ना हो। जल ही जीवन है, जल है तो कल है।
भारती ठाकुर, नपाध्यक्ष बालाघाट