पांचवीं के बाद विराम
गांव तक पहुंचने के लिए आवागमन के साधन नहीं हैं। पक्की सड़क भी नहीं है। महिला शिक्षिक को गांव पहुंचने के लिए करीब 25 किमी का मुश्किल सफर तय करना पड़ता है। पांचवीं पास होने के बाद बच्चों के परिजन उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए बाहर नहीं भेजते। स्कूल भवन 2019-20 में स्वीकृत हुआ था। निर्माण कार्य भी शुरू किया गया। कुछ काम होने के बाद सालभर पहले काम बंद कर दिया गया। कक्षाओं का संचालन कभी खुले में तो कभी किसी के घर में किया जा रहा है। भवन निर्माण के लिए अभी तक के प्रयास असफल रहे।
भवन का काम प्लंथ लेवल तक होने के बाद बंद कर दिया गया। एक साल से निर्माण कार्य बंद है। अब कलेक्टर, डीईओ से चर्चा कर समस्या का निराकरण करेंगे। – टीडी लिल्हारे, संकुल प्राचार्य