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बालाघाट

नहर का पानी नहीं मिलने से किसान चिंतित

वारासिवनी के ग्राम झालीवाड़ा का मामलासिंचाई विभाग से पानी देने किसानों ने की मांग

बालाघाटFeb 25, 2024 / 08:24 pm

mukesh yadav

नहर का पानी नहीं मिलने से किसान चिंतित

नहर का पानी नहीं मिलने से किसान चिंतित

बालाघाट/वारासिवनी. जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत झालीवाड़ा एक बड़ा ग्राम है। यहां प्रत्येक परिवार की आय का मुख्य स्रोत खेती किसानी है। लेकिन वर्तमान में रबी की फ सल लगाने के लिए किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नहर का पानी सिंचाई के लिए ना मिलने से किसान चिंतित है। बताया गया कि इस ग्राम में दो बांधों की नहर बहती है। किसानों को सिंचाई के लिए जरूरत के अनुसार पानी नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणजनों में आक्रोश है, उन्होंने कई मर्तबा नहर विभाग के अधिकारी कर्मचारियों से नहर से पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने की मांग की। लेकिन आज भी समस्या यथावत बनी हुई है। किसानों ने खेत के लिए आने वाली छोटी नहर में पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने की मांग नहर विभाग से की है।
नहर में बह रहा एक फ ीट पानी
किसानों ने बताया कि वर्तमान में रबी की फसल में चना, गेहूं , सरसों एवं धान की फसल लगाई है। वहीं अधिकांश स्थानों पर धान की फ सल लगाने की तैयारी की जा रही है। हर कोई पानी के लिए रास्ता देख रहा है। लेकिन रबी की फसल के लिए नहर में मात्र एक से डेढ़ फीट पानी छोड़ गया है, जो पानी निकालने के लिए बनाए गए कुलापे को डुबने में भी असमर्थ नजर आ रहा है। ऐसी स्थिति में किसानों को पानी की मोटर लगाकर नहर से पानी लेना पड़ रहा है, वहीं कुछ किसान पानी की व्यवस्था में जुटे हंै। हर किसान चिंतित है कि यदि समय पर उसे पर्याप्त पानी नहीं मिला तो उसकी फसल पर असर पड़ सकता है।
खेतो में नही है पानी
ग्राम पंचायत झालीवाड़ा के मध्य से ढुटी बांध से आने वाली बड़ी नहर गुजरी है। राजीव सागर परियोजना की एक छोटी माइनर नहर भी झालीवाड़ा तक आती है। इस प्रकार ग्राम में दो नहर के बावजूद भी किसानों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसमें ढुटी नहर खेत से नीचे होने के कारण पानी खेतों में नहीं आ रहा है। वहीं राजीव सागर की मुख्य नहर से एक माइनर निकला है, जो थोड़ी दूर में आकर दो भागों में बंट गया है। एक नहर खापा जाती है, दूसरी झालीवाड़ा आती है। खापा की तरफ ढलान होने से झालीवाड़ा में बहुत कम पानी पहुंच पाता है, जो अंतिम छोर तक नहीं मिल पाता है। ऐसे में नहर किनारे के किसान तो रबी की फ सल लगा रहे हैं, लेकिन थोड़े दूर के किसान पानी की रास्ता देख रहे हैं।
पानी के लिए लगानी पड़ रही मोटर
किसान नरेश बोपचे ने बताया कि पानी की समस्या मुख्य रूप से बनी हुई है। नहर चालू है, पर नहर से जो छोटी नाली में पानी आना है, वहां पर गड्ढा और टेकरा होने के कारण पानी नहीं आ पा रहा है। नहर के पास के किसान पानी की मोटर लगाकर खेती कर रहे है। अभी पानी का टैक्स लेने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारी आए थे, जिन्हें समस्या के बारे में बोला गया, तो वे भी ध्यान नहीं दे रहे हंै। किसानों को अप्रेल तक पानी चाहिए। हर किसी को पानी नहीं मिल रहा है।
इनका कहना है।
अभी रबी की फसल हमने 15 दिन पहले अपने खेत में लगाई है। नहर तो चालू है, पर उसका पानी यहां आता नहीं है। इस परिस्थिति में आस पड़ोस के किसानों के कुएं में पानी की मोटर लगाकर खेत में पानी ला रहे हैं।
सुरबत परते, किसान मिर्चीटोला
पानी की तकलीफ बनी हुई है। एक साइड पानी है, दूसरे में नहीं है। हमारा गांव मिर्ची टोला आखरी छोर पर पड़ता है। इस कारण से पानी यहां तक नहीं पहुंच पा रहा है। ढुटी की नहर गुजरी है, वह नीचे है। हमारी खेती ऊपर है। इस कारण हर किसान परहा नही लगा पा रहा है।
यशवंत बोपचे, किसान
जल उपभोक्ता संथा एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों से समस्या को लेकर चर्चा की गई है। लिखित में शिकायत के साथ प्रपोजल भी बनाकर दिया गया है। जब प्रत्येक किसान पानी का पैसा दे रहा है, तो उसे पानी भी जरूरत के हिसाब से पर्याप्त पानी मिलना चाहिए।
अशोक शरणागत, सरपंच प्रतिनिधि झालीवाड़ा

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