टीम की महिला आरक्षक चांदनी शाडिल्य ने कहा कि मोबाइल फोन पर भूलकर भी जरूरी पासवर्ड नहीं रखें। हेकर आसानी से इन तक पहुंच सकता है। स्पेम मेल या अनाधिकृत लिंक मोबाइल या लैपटॉप में आती है, तो उन्हें क्लिक नहीं करें। लैपटॉप को हैक करना ज्यादा आसान होता है। इसका उपयोग करने के लिए सबसे पहले एंटी वायरस जरूर डालें। हैकर यदि असुरक्षित फाइल भेजता है, तो साफ्टवेयर उसे नष्ट कर देता है। किसी भी चीज का पासवर्ड सरल नहीं बनाएं, उसमें शब्द, अंक और विशेष चिन्ह शामिल करें।
कार्यक्रम में उपस्थित नपाध्यक्ष भारती ठाकुर, एसडीएम गोपाल सोनी, दीपमाा सोलंकी के अलावा अन्य महिलाओं ने पुलिस टीम से सवाल भी किए। पूछा कि यदि वे ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो इससे बचाव कैसे करें। इस पर टीम ने कहा कि पहली बात तो यदि आपके साथ साइबर ठगी हो जाती तो सबसे पहले साइबर पुलिस को कॉल करें। मोबाइल और लैपटॉप को री स्टार्ट कर दें। ऐसे में हैकर का दोबारा जुडऩा कठिन हो जाता है। डराने या धमकाने वाला मैसेज या कॉल आने पर बातों को छिपाएं नहीं। इससे हैकर आपको ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।
सायबर व कंट्रोल रूम प्रभारी अभिलाश मिश्रा के अनुसार अगर साइबर ठगी का शिकार होते हैं, तो इस घटना से तत्काल अपने बैंक के कस्टमर केयर पर सूचना दें और बैंक से ट्रांजेक्शन ब्लॉक करने या रिवर्स करने की रिक्वेस्ट करें। इसके साथ ही साइबर क्राइम में रिपोर्ट करें और 1930 पर काल करें, यह नेशनल हेल्पलाइन नंबर है।
:- मजबूत पासवर्ड बनाएं। हमेशा 12 से 16 कैरेक्टर का पासवर्ड रखें। इसमें अपर और लोअर केस नंबर और विशेष चिह्न का उपयोग करें। हर अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड बनाएं।
:- पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें।
:- प्राइवेसी सेटिंग्स का इस्तेमाल करें।
:- अपने प्रोफाइल की जानकारी सीमित करें।
:- संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें। पब्लिक वाई फाई से बचें।
:- ऑनलाइन बैंकिंग या पासवर्ड डालने वाले काम पब्लिक वाईफाई पर न करें।
:- सदिग्ध ईमेल और मैसेज से सावधान रहें।
:- अनजान ईमेल या मैसेज लिंक पर क्लिक न करें।
डिजीटलाइजेशन के साथ डिजीटल अरेस्ट की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही है। हम थोड़ी सी सावधानी व सजगता से इससे बच सकते हैं। हमारी थोड़ी से चूंक बड़े नुकसान का कारण बन सकती है।
मेघा पांडे, मआर सायबर सेल
चांदनी शाडिल्य, मआर सायबर सेल