अखिलेश यादव गुरुवार को भेड़ियों के हमले से परेशान जिलों के लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद से ही जानवरों का आतंक बढ़ रहा है। चुनाव के दौरान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यूपी में जानवरों की समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि पूरा रोडमैप तैयार है लेकिन अब हमले बढ़ गए हैं। जंगल के आसपास के जिलों में हमले बढ़ गए हैं। अब गीदड़ और भेड़िए से बहराइच और आसपास के जिलों के लोग खौफ में हैं।
जानवरों की समस्या से निपटने के लिए बनाई जाए एसटीएफ
उन्होंने योगी सरकार पर गरीबों से भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जानवरों के हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये और घायलों को पांच लाख रुपये दिए जाएं। जानवरों की समस्या से निपटने के लिए एसटीएफ बनाई जाए। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट के लिए जारी किए गए अरबों रुपए कहां गए। भेड़ियों को नहीं पकड़ पा रहे तो एसटीएफ को ठोकने के लिए कह दिया जाए।
मैंने कभी भी किसी साधु- संत के लिए कुछ नहीं कहा है: अखिलेश यादव
यूपी के पूर्व सीएम
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि भाजपा सरकार हर बात छिपाना चाहती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान अलग आ रहे हैं। मैंने कभी भी किसी साधु- संत के लिए कुछ नहीं कहा है, जिसे क्रोध आता है वो योगी कैसे हो सकता है। इसलिए मैं कहता हूं कि हमारे सीएम मठाधीश मुख्यमंत्री हैं।
वन नेशन- वन इलेक्शन पर भी अखिलेश यादव ने दी प्रतिक्रिया
उन्होंने कहा कि मेरी और
सीएम योगी की तस्वीर सामने रख लो, देखकर पता चल जाएगा कि मठाधीश कौन है। उन्होंने वन नेशन, वन इलेक्शन के प्रस्ताव पर कहा कि अभी तो महिला आरक्षण को लेकर भी प्रस्ताव पेश किया था, वो कब से लागू करने जा रहा है। 18,626 पन्नों की रिपोर्ट को 191 दिनों में तैयार किया गया है। इससे पता चलता है कि इन लोगों ने किस तरह की चर्चा की होगी। ये भाजपा का प्रस्ताव है जिसका मकसद ”वन नेशन, वन इलेक्शन और वन डोनेशन” है।
अखिलेश यादव ने सीएम योगी के बयानों पर कहा, “सपा को बीजेपी बदनाम करना चाहती है। हिंदू- मुस्लिम करने से
बीजेपी को लाभ होता है। वहीं, नवादा की घटना पर उन्होंने कहा कि बहुत दुःखद घटना है, भाजपा डबल स्टैंडर्ड है।