बता दे कि बागपत सहित पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बेल्ट में किसान गन्ना और गेहूं के अलावा दूसरी खेती बहुत ही कम करते हैं। अपवाद छोड़ दें तो खरीफ सीजन में बागपत में कोई प्याज की खेती करता ही नहीं है। सरकार की योजना परवान चढ़ी तो जिले के काफी हिस्से में प्याज की खेती दिखाई देगी। उद्यान विभाग को बागपत में 50 हेक्टेयर जमीन पर खरीफ सीजन में प्याज की खेती कराने का लक्ष्य मिला है। 200 से ज्यादा किसानों से प्याज खेती कराने का प्लान है।
सुपर भीमा और लाइन 883 करेंगे मालामाल उद्यान विभाग ने प्याज की बेहतरीन प्रजाति सुपर भीमा तथा लाइन 883 का बीज मंगाया है। एक एकड़ में दो किलो बीज लगेगा जो किसानों को मुफ्त मिलेगा। 20 जुलाई तक नर्सरी तैयार करने को बुआई होगी। पंद्रह अगस्त को प्याज की पौध की रोपाई होगी और 40 दिन में प्याज की फसल बाजार पहुंचने लगेगी। प्रति कुंतल 450 से 500 कुंतल प्याज का उत्पाद होगा।
जिला उद्यान अधिकारी दिनेश कुमार अरुण ने बताया कि खरीफ सीजन में प्याज की खेती कराने का फायदा यह होगा कि दीपावली के पास में प्याज बाजार में आने से प्याज के दाम नियंत्रण रहने से आम जन की पहुंच में रहेगी। वहीं किसानों को भी ठीक भाव मिलने से अच्छी आमदन मिलेगी। धान की खेती करने के लिए किसान उद्यान विभाग से मुफ्त बीज और इसकी खेती करने की तकनीकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जो प्याज पैदा होगी उसकी उचित दाम पर बिक्री कराने में बाजार का जानकारी भी किसानों को मिलेगी। प्याज की खेती का बड़ा फायदा गन्ना बेल्ट में फसल विविधता की शुरूआत होना होगा।