इस मौके पर ‘पत्रिका’ बातचीत में बलराम सिंह ने बताया कि वह अपना शरीर फिट रखने के लिए रोजाना व्यायाम करते हैं। इसके साथ ही वह ध्यान भी लगाते हैं। वह प्रतिदिन अपना डेढ़ से 2 घंटे का समय स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम में लगाते हैं। उन्होंने कहा कि चंद्रो मेरी सबसे प्यारी भतीजी है, जिसे मैं बहुत प्यार करता हूं और उसको भी मुझसे उतना ही लगाव है।
वहीं, चंद्रो तोमर ने बताया कि 60 वर्ष पहले उनके चाचा बलराम सिंह मेरठ आकर बस गए थे। वह अपने चाचा से मिलने के लिए अकसर मेरठ जाया करती थी, लेकिन जिम्मेदारी बढ़ने के बाद उनका आना-जाना थोड़ा कम हो गया, लेकिन आज भी वह अपने चाचा को बहुत प्यार करती हैं। जैसे ही उनकी तबीयत का उन्हें पता चला वे उनसे मिलने के लिए मेरठ पहुंच गई।
चंद्रो तोमर के बेटे सुमित तोमर बताते हैं कि मां के चाचा द्वितीय विश्व युद्ध के गवाह रहे हैं। जब वह द्वितीय विश्व युद्ध की घटनाओं के बार में बताते हैं तो परिवार के सभी लोग बड़े ध्यान से उनकी युद्ध नीतियों और युद्ध के परिणामों के बारे में सुनते हैं।