19 साल पहले की थी हत्या, तभी से चल रहा था फरार
हरियाणा के रकशैडा थाना समालखा निवासी रामकिशन व सतीश की वर्ष 2001 में हत्या कर दी गयी थी। जिसमे छपरौली निवासी ओमवीर उर्फ टुंडा पुत्र महेंद्र समेत सात आठ लोग नामजद थे। एसओ अजय शर्मा ने बताया कि समालखा पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरपतार कर लिया था, लेकिन ओमवीर तभी से फरार चल रहा था। उसी समय आरोपी ओमवीर पर पांच हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था, लेकिन आरोपी पुलिस के हाथ नहीं लगा।
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नाम बदलकर आरोपी मंदिर में बना साधू पुलिस के अनुसार आरोपी ओमवीर ने उसी समय से गढ़मुक्तेश्वर के पास जलालपुर गांव के एक मंदिर में रहकर साधू का भेष धारण कर लिया था। इतना ही नहीं आरोपी ने अपना नाम भी ओमवीर से बदलकर राकेशनाथ रख लिया था। इस दौरान आरोपी ने अपने परिजनों से भी कोई संपर्क नहीं किया था। जिसके बाद से पुलिस आरोपी का पता लगाने में जुटी थी। लेकिन कुछ पता न लगने पर फाइल बंद कर दी गई।19 साल बाद पुलिस के हत्थे ऐसे चढ़ा आरोपी
बुधवार को आरोपी बामनौली में साधु संतों को भंडारे का कार्ड देने आया था। तभी पुलिस को इसकी भनक लग गई। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को ओमवीर को दबोच लिया। पुलिस के अनुसार आरोपी के पास से 315 बोर के अवैध तमंचा भी मिला है। वह पिछले कई सालों से नाम और पहचान बदलकर साधु का भेष धारण कर मंदिर में रह रहा था। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है।