रहतना गांव निवासी राकेश खेत में गन्ने की बंधाई कर रहा था। उसे किसी जानवर की आवाज सुनाई दी। उसने रास्ते से जा रहे विनोद, वीरेंद्र, रामेश्वर, जयकुमार आदि किसानों को भी बुला लिया। किसान आवाज आने वाले स्थान पर पहुंचे तो वहां तेंदुआ हिरण को घसीटकर ले जा रहा है और जख्मी हिरण के कराहने की आवाज आ रही थी। तेंदुए को देख किसान शोर मचाकर भाग लिए। इसी दौरान शोर सुनकर तेंदुआ भी शिकार छोड़ भाग गया।
कुछ देर बाद फिर किसान वहां पहुंचे तो जख्मी हिरण गायब मिला। तेंदुआ हिरण को उठा ले गया। किसान कुछ देर बाद फिर वहां पहुंचे तो तेंदुआ फिर भागा, जबकि जख्मी हिरण भागने की स्थिति में नहीं था। तेंदुआ उसके शरीर का आधा हिस्सा खा चुका था। किसान बाद में वन कर्मियों के साथ वहां पहुंचे तो हिरण उसी खेत में दूसरी तरफ मृत पड़ा मिला। जिसका काफी हिस्सा तेंदुआ खा चुका था। वन रेंजर राजपाल सिंह ने बताया कि हिरण के शरीर का काफी हिस्सा तेंदुआ खा चुका था। उसे संतनगर पौधशाला के पास दबाया दिया।
पशु और जानवरों को शिकार बना रहे तेंदुए चौगामा क्षेत्र में तेंदुए जंगली एवं पालतू जानवरों को भी अपना शिकार बना रहे हैं। जंगलों में किसानों द्वारा आए दिन तेंदुए देखे जाने की शिकायतें भी वन विभाग को मिलती आ रही है। तेंदुए ने रहतना गांव में रामधन के घर से ही लाखों की कीमत के पिटबुल नस्ल के कुत्ते का शिकार कर लिया। बेगमाबाद गढ़ी के जंगल से पिछले साल चरवाहों के सामने ही उनकी दो भेड़ उठाकर तेंदुआ ले गया था। मौहम्मदपुर खूंटी गांव में तीन चार घरों से छोटे गोवंश व कटड़े को उठाकर वन क्षेत्र में ले गया था। मांगरौली में तेंदुए ने किसान के सामने ही उसके बैल पर हमला कर दिया था।