scriptHIV पीड़ित का दर्द, हेय दृष्टि से देखता है समाज, अपने भी नहीं देते सम्मान | World AIDS day azamgarh aids affected family story | Patrika News
आजमगढ़

HIV पीड़ित का दर्द, हेय दृष्टि से देखता है समाज, अपने भी नहीं देते सम्मान

आजमगढ़ जिले में एक परिवार ऐसा है जिसमें तीन लोगों को एचआईवी संक्रमण के शिकार है। इसमें एक की पिछले दिनों मौत हो गई जबकि तीन लोग खुशहाल जीवन जी रहे है। बस इन्हें दर्द है समाज की उपेक्षा का।

आजमगढ़Dec 01, 2022 / 07:11 am

Ranvijay Singh

hiv.jpg

तेज बुखार था। खांसी ठीक नहीं हो रही थी। अस्पताल पहुंचा तो खून की जांच हुई। चंद घंटों के बाद एक फोन आया और पूरी जिंदगी बदल गई। डॉक्टर ने परिवार के अन्य सदस्यों की भी एचआईवी जांच कराने को कहा। जांच हुई तो पत्नी और दो साल के बच्चे में भी संक्रमण पाया गया। पत्नी बच्चे के गम में दुनिया से चली गई। पिता-पुत्र खुद में खुश है लेकिन समाज की नजरों का सामना करना इनके लिए आसान नहीं है।

 

पहले पति के बच्चे थे ठीक
फूलपुर तहसील क्षेत्र की रहने वाली इस महिला की तीन शादी हुई थी। पहले पति से एक बेटी है जो पूरी तरह स्वस्थ्य है। पति ने छोड़ा तो महिला की दूसरी शादी हुई। कुछ दिन बाद पति की मौत हो गयी। उससे एक बेटा और एक बेटी पैदा हुई। उनमें भी किसी तरह का संक्रमण नहीं पाया गया।

 

दूसरे पति के चचेरे भाई से हुई शादी
दूसरे पति के निधन के बाद महिला ने चचरे देवर से शादी हो गई। पति चालक की नौकरी करता था। उससे एक पुत्र का जन्म हुआ। सभी खुशहाल जीवन जी रहे थे। एकाएक पति के आंख की रोशनी कम हुई तो नौकरी छूट गई। सभी गांव पर रहने लगे। समय के साथ आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ा।

 

पति हो गया टीवी का शिकार
पांच साल पहले पति को बुखार और खांसी की शिकायत हुई तो उसे जिला अस्पताल में दिखाया। चिकित्सक ने टीवी के साथ ही एचआईवी जांच का सुझाव दिया। इसके बाद उसकी जांच कराई गई। पहले ही दिन जांच में टीवी की पुष्टि होने पर सरकारी दवा मिल गई। पति-पत्नी घर चले गए। फोन पर सूचना दी गई कि पति एचआईवी संक्रमित है। डॉक्टर ने पूरे परिवार को जांच की सलाह दी।

 

जांच में तीनों निकले संक्रमित
इसके बाद पति-पत्नी और दो साल के बच्चे की भी जांच कराई गई। जांच में तीनों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई। उन्होंने किसी को नहीं बताया कि वे इस बीमारी के शिकार है लेकिन महिला बच्चे को लेकर चिंतित रहने लगी।

 

महिला की तबीयत बिगड़ी तो खुल गया राज
तनाव के कारण महिला की तबीयत बिगड़ने लगी तो धीरे-धीरे लोगों को भी पता चल गया। इसके बाद लोगों ने दूरी बनानी शुरू कर दी। गांव का एक परिवार जिसके घर बच्चे रहते थे सिर्फ उन्होंने ही अपनाया। एक दिन महिला की मौत हो गई।

 

समाज में अकेले पड़ गए हैं पिता-पुत्र
अब बच्चे के भरण पोषण की जिम्मेदारी बीमार बाप पर है। जरूरत को पूरी करने के लिए पीड़ित ने जमीन बेच दी। कोविड आया तो सरकारी दुकान से फ्री राशन मिलने लगा। किसी तरह दो वक्त की रोटी मिल जाती है।

 

पिता को कुछ हुआ तो बच्चे का क्या होगा
पिता अक्सर बीमार रहते हैं। बच्चा अभी सात साल का है। ऐसे में अगर पिता को कुछ होता है तो बच्चे का क्या होगा। कारण कि इनके बाद परिवार में कोई बड़ा नहीं बचेगा। महिला के दूसरे पति से एक 16 साल का बेटा था। वह इस छोटे बच्चे का बहुत ख्याल रखता था लेकिन वर्ष 2021 में एकाएक उसकी भी मौत हो गई।

 

यह भी पढ़ें: ऐसा क्या हुआ कि बेटे ने मार दी माता-पिता को गोली, खुद कमरे में हो गया कैद

 

पीड़ित के प्रति अच्छी नहीं है समाज की सोच
एचआईवी पीड़ित व्यक्ति का कहना है कि उसे यह संक्रमण कैसे हुआ वह नहीं जानता है। अब तो बच्चा भी इससे पीड़ित है। जब से लोगों को पता चला है कि हम एचआईवी संक्रमित है सभी दूर ही रहते हैं। समाज में हमें हेय दृष्टि से देखा जाता है। यही वजह है कि हम अपने घर पर ही पड़े रहते हैं।

Hindi News / Azamgarh / HIV पीड़ित का दर्द, हेय दृष्टि से देखता है समाज, अपने भी नहीं देते सम्मान

ट्रेंडिंग वीडियो