scriptReality Check : क्रय केंद्रों पर अव्यवस्थाएं बढ़ा रहीं किसानों का दर्द, बिचौलिए हो रहे मालामाल | Reality Check of Wheat Purchasing Center Azamgarh Zone | Patrika News
आजमगढ़

Reality Check : क्रय केंद्रों पर अव्यवस्थाएं बढ़ा रहीं किसानों का दर्द, बिचौलिए हो रहे मालामाल

– आजमगढ़ मंडल में अब तक 215,500 एमटी लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 2184.01 एमटी हुई गेंहू की खरीदारी- बलिया 251.25 एमटी खरीद कर सबसे फिसड्डी- किसानों के खाते अब भी हैं खाली, आजमगढ़ और बलिया में नहीं हुआ कोई भुगतान- जरूरत पूरी करने के लिए किसान अपना उत्पाद औने पौने दामों पर बिचैलियों को बेचने के लिए मजबूर- मंडल के 24 क्रय केंद्रों पर अब तक एक छटाक भी नहीं हुई है गेंहू की खरीदारी- चिलचिलाती धूप व तेज तपिश के बाद भी क्रय केंद्रों पर छांव व पानी की नहीं है व्यवस्था

आजमगढ़Apr 20, 2020 / 12:11 pm

Hariom Dwivedi

क्रय केंद्रों पर अव्यवस्थाएं बढ़ा रहीं किसानों का दर्द, बिचौलिए हो रहे मालामाल

क्रय केंद्रों पर अव्यवस्थाएं बढ़ा रहीं किसानों का दर्द, बिचौलिए हो रहे मालामाल

रणविजय सिंह
आजमगढ़. किसान पहले ही तबाह हो चुका है। उत्पादन आधा है और मौसम लगातार आंख मिचौली खेल रहा है। ऐसे में किसान अपनी फसल का जरूतर भर हिस्सा घर में सुरक्षित कर बाकी बेचने के लिए क्रय केंद्रों का चक्कर काट रहा है। सरकार भी शत प्रतिशत खरीदारी का निर्देश जारी कर चुकी है, लेकिन नौकरशाह सरकार की मंशा के विपरीत किसानों को और डुबाने पर तुले हैं। क्रय केंदों पर छांव तक की व्यवस्था नहीं है, पानी आदि तो दूर की बात है। यही नहीं किसानों को नंबर के नाम पर दौड़ाया जा रहा है। इसका फायदा बिचैलिये उठा रहे हैं। क्रय केंद्रों पर पिछले चार दिन में उन्हें नंबर के नाम पर केंद्र पर दौड़ाया जा रहा है तो 215,500 एमटी लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 2184.01 एमटी गेंहू की खरीद हुई है जो लक्ष्य के डेढ़ प्रतिश्त के आसपास है। मंडल के 24 क्रय केद्रों पर तो अब तक बोहनी ही नहीं हुई। रहा सवाल बिचैलियों का तो वे घर-घर जाकर औने पौने दाम पर गेंहू खरीद रहे हैं। किसान जरूरत पूरा करने के लिए इन्हें गेहूं बेचने पर मजबूर है। कारण कि जिन लोगों ने क्रय केंद्र पर गेंहू दिया भी है उन्हें अब तक भुगतान नहीं मिला है।
जिलावार देखे तो आजमगढ़ में 64500 एमटी लक्ष्य के सापेक्ष 68 क्रय केंद्र बनाए गये हैं। इसमें मात्र अभी 64 केंद्रों पर खरीदारी शुरू हुई है। चार केंद्र बंद पड़े हैं और अब तक 64 केेद्रों पर 275 किसानों से मात्र 1298.06 एमटी गेंहू की खरीद हुई है जो लक्ष्य का मात्र 2.1 प्रतिशत है। इन किसानों को 249.88 लाख रुपये का भुगतान होना है। सरकार का आदेश है कि 24 घंटे में भुगतान किया जाये लेकिन अभी किसान के खाते में फूटी कौड़ी नहीं पहुंची है। इसी तरह मऊ में 53000 एमटी लक्ष्य के सापेक्ष 46 क्रय केंद्र बनाए गए है। यहां पांच क्रय केंद्र पर अबतक कोई खरीदारी नहीं हुई है। 41 क्रय केंद्रों पर 106 किसानों से 634.70 एमटी गेंहू की खरीद हुई है जो लक्ष्य का मत्र 1.20 प्रतिशत है। यहां किसानों को 122.18 लाख रुपये के सापेक्ष मात्र 2.01 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। बलिया की हालत सबसे बदतर है। यहां 98000 एमटी लक्ष्य के सापेक्ष 75 क्रय केंद्र बनाये गए हैं लेकिन खरीदारी अब तक मात्र 60 क्रय केंद्रों पर शुरू हुई है। 15 क्रय केंद्रों का खाता भी नहीं खुला है। यहां अब तक 46 किसानों से मात्र 251.25 एमटी गेंहू की खरीद हुई है जो निर्धारित लक्ष्य का 0.26 प्रतिशत है। यहां 48.37 लाख के सापेक्ष अब तक एक रूपये का भी भुगतान नहीं किया गया है।
क्रय केंद्रों पर अव्यवस्थाएं बढ़ा रहीं किसानों का दर्द, बिचौलिए हो रहे मालामाल
यह भी दिक्कत
ऐसा नहीं है कि किसानों के पास गेंहू नहीं है। किसान अपना गेंहू बेचने के लिए परेशान है। वह क्रय केंद्र का चक्कर काट रहा है, लेकिन नंबर के नाम पर कर्मचारी उसे परेशान कर रहे हैं। दूसरी तरफ लॉकडाउन के कारण बोरी का भी सार्टेज है। क्रय केंद्र पर पहुंचने के बाद किसानों को दिन पर रुकना पड़ रहा है लेकिन यहां पानी अथवा बैठने के लिए छांव तक की व्यवस्था नहीं की गयी है। किसान मजबूर हैं वह मौसम का रुख देख क्रय केंद्र पर नंबर आने का इंतजार करने के लिए तैयार नहीं है, जिसके कारण बिचैलियों की मदद ले रहा है। बिचैलिये 1800 से 1825 रूपये में गेंहू खरीद रहे हैं। मजबूर किसान इनके हाथों शोषण का शिकार हो रहा है।
क्रय केंद्रों पर अव्यवस्थाएं बढ़ा रहीं किसानों का दर्द, बिचौलिए हो रहे मालामाल
आरएफसी बोले
इस मामले में आरएफसी राजेश कुमार का कहना है कि फसल देर से तैयार होने के कारण अब तक केंद्रोें पर आवक कम है, लेकिन यह दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। किसानों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए बैठने, जलपान आदि की व्यवस्था का निर्देश दिया गया है। अगर किसी केंद्र पर किसानों को सुविधा नहीं मिल रही है तो उन्हें एसडीएम या जिला स्तरीय अधिकारियों से शिकायत करनी चाहिए।

Hindi News / Azamgarh / Reality Check : क्रय केंद्रों पर अव्यवस्थाएं बढ़ा रहीं किसानों का दर्द, बिचौलिए हो रहे मालामाल

ट्रेंडिंग वीडियो