दिसंबर 2000 में हुई थी घटना
मुकदमें के अनुसार मुबारकपुर थाना क्षेत्र की एक 14 साल की दलित लड़की 6 दिसंबर 2000 को भोर में शौच के लिए बाहर निकली थी। वह घर नहीं लौटी। काफी तलाश के बाद भी उसका कहीं पता नहीं चला। दूसरे दिन बहदवास हालत में घर वापस आई।
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लोहरा गांव के गुफरान ने किया था दुष्कर्म
पीड़िता ने परिजनों को बताया कि लोहरा गांव के तैयब, अफरोज पुत्र मांरूफ और गुफरान पुत्र मुल्तान उसे पकड़कर ले गए थे। उसके साथ गुफरान ने रेप किया। इस मामले में लड़की के पिता ने मुबारकपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
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पुलिस ने कोर्ट को प्रेषित किया था चार्जशीट
इस मामले में मुबारकपुर पुलिस ने जांच की। जांच पूरी करने के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में भेजा। लंबे समय से इस मामले में सुनवाई चल रही थी। मुकदमें के दौरान आरोपी तैयब की मौत हो गई।
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कोर्ट में आठ गवाहों ने की गवाही
अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता रामनाथ प्रजापति ने पीड़िता समेत कुल आठ गवाहों को न्यायालय में पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाया।
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एससी/एसटी कोर्ट जज सतीश द्विवेदी ने सुनाया फैसला
सुनवाई में दोनों आरोपियों पर आरोप साबित हुआ। एससी-एसटी कोर्ट के जज सतीश द्विवेदी के अदालत ने रेप के आरोपी गुफरान को दस वर्ष सश्रम कारावास और छह हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अफरोज को पीड़िता को बंधक बनाने के आरोप में तीन महीने के कारावास और पांच सौ रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई।