बता दें कि अखिलेश सरकार में वर्ष 2016-17 में आजमगढ़ जिले के निजामाबाद थाना क्षेत्र के खोदादादपुर हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद औवैसी ने आजमगढ़ आने की कोशिश की थी लेकिन उस सयम कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें आजमगढ़ आने की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद भी आवैसी ने विभिन्न कार्यक्रमों के लिए कई बार अनुमति लेनी चाही, लेकिन अनुमति नहीं मिली। एक बार तो उन्हें आजमगढ़-अंबेडकरनगर बार्डर से वापस लौटना पड़ा था। उस समय औवैसी ने कहा था कि आजमगढ़ किसी के बाप की जागीर नहीं है वे यहां आकर रहेंगे।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में यूपी में सत्ता परिवर्तन हुआ और बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। इस दौरान ओवैसी का कोई कार्यक्रम आजमगढ़ में नहीं लगा। अब बिहार चुनाव में जीत के बाद ओवैसी यूपी विधानसभा और पंचायत चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। पार्टी जिले की सभी जिला पंचायत सदस्य सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है। इसी बीच अब 12 जनवरी 2020 को ओवैसी का आगमन आजमगढ़ तय हो गया है।
प्रदेश अध्यक्ष शौकत माहुली ने बताया कि ओवैसी पूर्वांह्न नौ बजे बाबतपुर एअरपोर्ट पहुंचेगे। वहां से कार द्वारा जौनपुर होते हुए आजमगढ़ आएंगे। इस दौरान वे कुछ मिनट के लिए जौनपुर में रूकेंगे जहां कार्यकर्ता उनका स्वागत करेंगे। इसके बाद वे सीधे आजमगढ़ जिले के माहुल स्थित उनके आवास पर पहुंचेंगे। यहां भोजन व नमाज के बाद वे बैतुलउलूम मदरसा खरेवां सरायमीर में नाजिम से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वे सीधे बाबतपुर एअरपोर्ट के लिए निकल जाएंगे।
जिले में ओवैसी का भले ही कोई सार्वजनिक कार्यक्रम न हो लेकिन एआईएमआईएम के कार्यकर्ता उत्साह में दिख रहे है। वहीं उनके आगमन का सियासी मायने भी निकाला जा रहा है। सूत्रों की मानें प्रदेश अध्यक्ष के आवास पर ही वे जिले के पदाधिकारियों के साथ पंचायत चुनाव को लेकर मंत्रणा करेंगे और आगे की रणनीति क्या होगी इस संबंध में निर्देश भी जारी करेंगे।
BY Ran vijay singh