महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन कर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने वही राम मंदिर के पक्ष में आए फैसले के बाद पहली बार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने विधायक सांसद व मंत्री मंडल के साथ 7 मार्च को अयोध्या दौरे पर होंगे इस दौरान भगवान श्री रामलला का दर्शन पूजन कर सरयू आरती मेंं भी शामिल होंगें। शिवसेना के इस कार्यक्रम को लेकर संत काफी नाराज हैं जिसके कारण अब अयोध्या में उद्धव ठाकरे की राह आसान नहीं दिखाई दे रही है।
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के दौरे को लेकर साफ कर दिया कि की राजनीति करने के लिए अयोध्या नहीं मक्का मदीना जाए लेकिन अगर अयोध्या आते हैं तो उनके काफिले को अयोध्या में नहीं घुसने दिया जाएगा और काला झंडा दिखाते हुए उनके काफिले को रुकेंगे। इस नाराजगी के कारण बताते हुए महंत परमहंस दास ने कहा कि शिवसेना प्रमुख रहे बाला साहब ठाकरे ने शिवसेना का गठन हिंदू राष्ट्र के लिए किया था लेकिन जिस दिन सत्ता के लालच में कांग्रेस पार्टी से गठबंधन कर या उसी दिन बाला साहब के सारे सिद्धांत समाप्त हो गए। इसलिए अब उनको अयोध्या आकर रामभक्ति होने के दिखावा करने की आवश्यकता नहीं है उन्हें अब राजनीति करनी हो तो मक्का मदीना का रुख करना चाहिए। इसके लिए जिला प्रशासन से मांग की है कि उद्धव ठाकरे के अयोध्या आने की अनुमति न दी जाए लेकिन अगर यदि वह अयोध्या आते हैं तो स्वयं काला झंडा लेकर उनके काफिले को रोकेंगे। उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के नाम पर लोगो को ठगा है इसलिए अब अयोध्या में इनके लिए कोई स्थान नहीं है